भले ही उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में 7-8 महीने से कम समय बचा हो पर, सियासी हलचल दिन पर दिन तेज होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायकों में उथल- फुथल मची हुई है।
विधायकों ने तहलका संवाददाता को बताया कि जब से पश्चिम बंगाल में भाजपा की करारी हार हुई है । तब से आलाकमान से लेकर प्रदेश भाजपा के नेता बड़ी ही सूझबूझ से सियासी चाल चल रहे है। एक विधायक ने बताया कि राजनीति में कब क्या हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है। क्योंकि कुछ विधायकों के टिकट कटने की संभावना अधिक है। प्रदेश की राजनीति के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में भाजपा, सपा,बसपा और कांग्रेस के नेताओं का एक दूसरे दलों में आने-जाने का सियासी खेल खेला जायेगा। जिसके लिये अभी से जोड़ तोड़ का सियासी ताना बाना बनना और बनाना शुरू हो गया है।
भले ही अभी ये राजनीतिक चालें चर्चा में ना हो । लेकिन जैसे ही चुनावी विसात बिछनी शुरू होगी त्यों ही नये –नये चहरे एक दल से दूसरे दल में जाने में देर नहीं करेंगे। माना जा रहा है कि इस बार का चुनाव किसी भी दल के लिये एक तरफा का चुनाव नहीं है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अभी से जोड़-तोड़ की राजनीति में लगें हुये है। दिल्ली से लखनऊ तक नेतओं का आना –जाना अब हर रोज तेज हो रहा है। बताते चलें कोरोना के कहर की गति कम होते ही और 15 अगस्त के बाद उत्तर प्रदेश पूरी तरह से चुनावी रंग में दिखने लगेगा।