कोरोना को रोकने के लिये सरकार-शासन तामाम प्रयास कर रही है। पर वहीं प्रशासन के दबदबे के कारण कोरोना को रोकने के लिये जो भी प्रयास किये जा रहे है। वे सब व्यर्थ साबित हो रहे है। बात करते है उत्तर प्रदेश की जहां पर लाँकडाउन सरकार ने लगा रखा है। पर वहीं प्रशासन की मिली भगत से आज भी प्राइवेट बस वाले और कार वाले जमकर कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रहे है।
उत्तर प्रदेश परिवहन के बस चालक, प्राइवेट बस वालों से सांठ-गांठ कर प्राइवेट बसों में अपनी सवारियां को भेज देते है और कहते है कि परिवहन की बस अभी नहीं जायेगी। जिससे सवारियों को तो परेशानी भी होती है। और औने-पौने दाम देते है। प्राइवेट बस वाले जमकर सवारियों को ठूंस-ठूस कर ले जाते है। ना कोई पुलिस वाला बस की चैंकिंग करता है। ना ट्रैफिक पुलिस वाले। यहीं हाल कार वालों का है। जिसमें एक साथ 13-14 सवारियां होती है। जो कोरोना काल में कोरोना के संक्रमण को बड़ी आसानी से बढ़ा रही है।
प्राइवेट बस वालों की काली करतूत के खिलाफ लोगों ने तहलका को बताया कि सरकार की अनदेखी का नतीजा है। जिसके कारण प्राइवेट बस वाले अपनी मनमानी कर रहे है। सत्ता धारी पार्टी से जुड़े एक नेता ने बताया कि इस बारे में जिला स्तर पर जिला अधिकारी को औचक निरीक्षण कर बस चालकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिये। अन्यथा कोरोना की ऱफ्तार भले ही कम हुई है। फिर से गति पकड़े में देर नहीं लगेगी।क्योंकि उत्तर प्रदेश की प्राइवेट बस वाले एक जिले से दूसरे जिले और कस्बे में सवारियों को ले जाते है। जो कोरोना को बढ़ने और बढ़ाने में अह्म जिम्मेदारी निभा सकता है।