आज शाम उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार थम जाएगा। 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाले है। इनमें सहारनपुर, बिजनौर, अमरौहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बंदायू, शाहजहांपुर जिले की विधानसभा सीटों पर आज शाम चुनाव प्रचार थम जायेगा।
ये सभी विधानसभा सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तहत ही आती है। और उत्तराखंड राज्य की सीमा से सटी है। उत्तराखंड राज्य में भी चुनाव होने की वजह से यहां पर पूरा माहौल चुनावी रंग में रंगा हुआ है। यहां की सियासत के जानकार और एक राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले समाजसेवी राजकुमार सिंह का कहना है कि भाजपा और सपा के बीच यहां पर मुकाबला कम ही नजर आ रहा है। क्योंकि उत्तराखंड राज्य में भी चुनाव है।
सो उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला का असर यहां पर देखा जा रहा है। इसलिये यहां पर भाजपा, सपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है। बसपा भी अपने जनाधार को कायम रखने के लिये मेहनत कर रही है।
बताते चलें वैसे तो ये क्षेत्र मुस्लिम, जाट और किसान बाहुल्य है। इस लिहाज से यहां पर किसान भी निर्णायक भूमिका में है। किसानों का कहना है कि सरकार किसानों को गुमराह करती आ रही है। सो किसानों का सरकार के प्रति गुस्सा जायज है।
किसान अमर सिंह का कहना है कि अगर यहां गन्ना और जिन्ना की राजनीति का असर हुआ तो, ये कहना मुश्किल होगा कि मत किस पार्टी को मिलेगा। क्योंकि चुनाव में जिस अंदाज में धर्म और जाति को लेकर वयानबाजी की जा रही है। उससे तो ये स्पष्ट है कि चुनाव में तुष्टीकरण को लेकर सियासत करने वाले अपने तरीके से सियासी रंग को घोल रहे है। और जनता के बीच ये संदेश देने में लगे है। कि महगांई और बेरोजगारी के अलावा और भी मुद्दे है। जिसको लेकर सरकार बनाई और गिराई जा सकती है।