उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भले ही अभी तीन महीनें से कम का समय बचा हो, पर प्रदेश की सियासत में गर्माहट तेज हो गयी है। प्रदेश में विकास के नाम पर कम, किसान आंदोलन और महगांई के नाम पर ज्यादा राजनीति हो रही है। सियासी दल एक दूसरे पर शब्दों के तो बाण चला ही रहे है। साथ ही प्रदेश में पोस्टर वार भी तेज हो गर्इ है।
दिल्ली सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद और नोएडा में जमकर पोस्टर वार हो रहे है। कहीं किसानों के समर्थन में तो कहीं सत्ता के विरोध में । उत्तर प्रदेश का मतदाता फिलहाल चुप है। लेकिन राजनीतिक दलों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में राजनीति हवा का रूख कुछ और ही है।
किसानों और बढ़ती महंगाई ने लोगों को काफी परेशानी में डाल दिया है। कोरोना काल से जैसे –तैसे ऊभर ही रहे थे। वैसे ही महंगाई की मार लोगों के लिये मुसीबत बनकर ऊभरी है।
बतातें चलें, उत्तर प्रदेश और देश में भाजपा की सरकार है। ऐसे में लोगों का गुस्सा भी महगांई के कारण सरकार के प्रति है। वहीं कांग्रेस, बसपा और सपा भी इस बार के विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी जीत को लेकर ज्यादा मेहनत कर रही है। और सीधें जनता से संपर्क स्थापित कर रही है।और अपनी-अपनी उपलब्धियां बताने में लगी है।