उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर का 7 वें चरण का चुनाव प्रचार आज शाम 5 बजे थम जायेगा। आखिरी दौर के 7 मार्च को होने वाले चुनाव में आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, संत रविदास नदर, वाराणसी, मिर्जापुर , चंदौली और सोनभद्र पुर जिले की विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। आखिरी दौर के चुनाव को लेकर जहां राजनीतिक दलों ने तूफानी दौरा तेज कर दिये है। वहीं सियासी शब्दों के वाणों से एक दूसरे दलों पर राजनीतिक आरोप-प्रत्योरोप लगाये जा रहे है।
बताते चलें 7 चरणों में विधानसभा सीटों जो हलचल प्रदेश वासियों ने देखी है। उसको लेकर लोगों का कहना है कि चुनाव के पहले जो आशंका थी कि चुनाव के दौरान हिंसा और मारपीट जैसी घटनायें ज्यादा होगी। पर वो नहीं हो सकी है। क्योंकि इसके पीछें प्रदेश का कुशल प्रशासन रहा है। प्रदेश में शांति पूर्ण चुनाव कराने में प्रदेश के आला अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था चाँक चौबंद रखी है।
प्रदेश की राजनीति क् जानकार अमन सिंह परमार ने बताया कि देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की राजनीति की अहम् भूमिका है। क्योंकि सबसे अधिक लोकसभा और विधानसभा ती सीटें इसी प्रदेश में है। इसलिये केन्द्र की सरकार यानि दिल्ली का रास्ता उ्तर प्रदे्श से ही जाता है। इसलिये प्रदेश में जब भी विधानसभा के चुनाव हुये है। तब ही पूरे् देश के नेताओं का आना-जाना रहा है। इस बार के प्रदेश के चुनाव में सपा और भाजपा के बीच चुनाव को कांटे की टक्कर बताया गया हैा वहीं बसपा को कई विधानसभा सीटों पर महत्वपूर्ण व निर्णायक भूमिका में बताया गया है।
अमन परमार का कहना है कि सियासत में संभावना बनी रहती है। जबतक परिणाम घोषित न हो जाये। सो अभी तो सभी दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे है। लेकिन इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता है कि किसी दल के सहयोग के बिना भी किसी दल की सरकार न बने।फिलहाल चुनाव का शोर -शराबा आज शाम से पूरे प्रदेश में थम जायेगा।