उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्दर सिंह रावत ने मंगलवार शाम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनकी जगह भाजपा विधायक दल अपने नए नेता का चयन करेगा। रावत के इस्तीफे की चर्चा पिछले कल तब तेज हो गयी थी जब विधायकों की नाराजगी के बाद आलाकमान के दूतों ने उत्तराखंड जाकर विधायकों से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट दी थी। बाद में प्रेस कांफ्रेंस में रावत ने कहा कि कुछ देर पहले उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। मंत्री धन सिंह रावत और अजय भट्ट के नाम नए मुख्यमंत्री के रूप से सबसे आगे बताये जा रहे हैं।
रावत लगातार दो दिन दिल्ली आये और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी, जहाँ उन्हें साफ़ बता दिया दिया गया था कि उन्हें इस्तीफा देना होगा क्योंकि ज्यादातर विधायक उनके हक़ में नहीं हैं। कहा जा रहा है कि विधायकों ने आलाकमान के दूतों को साफ़ कह दिया था कि यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो पार्टी अगला चुनाव नहीं जीत पाएगी।
यह पहला मौका नहीं जब उत्तराखंड में भाजपा के किसी मुख्यमंत्री को कार्यकाल के अधबीच इस्तीफा देना पड़ा हो। पार्टी का कोई भी सीएम आजतक अपना कार्यकाल पाया है। भाजपा आलाकमान को विधायकों के दबाव के आगे झुकना पड़ा है।
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद रावत ने कहा – ‘मैं लम्बे समय से राजनीति में हूँ। आरएसएस से लेकर भाजपा के संगठनों में रहा और सीएम भी पार्टी ने मुझे बनाया। पार्टी ने विचार किया और सामूहिक रूप से किसी और को अवसर देने का फैसला किया है।’
इस मौके पर रावत ने चार साल में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। रावत ने कहा कि पार्टी के मौके देने से ही संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कई पहल कीं और जनता के लिए काम किया।’
अब बुधवार को पार्टी दफ्तर में विधानमंडल दल की बैठक होगी जिसमें रावत की जगह नया नेता चुना जाएगा। चर्चा है कि मंत्री धन सिंह रावत, अजय भट्ट, अनिल बलूनी, सतपाल महाराज आदि के नाम चर्चा में हैं।