भारत का संविधान इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को चिह्नित करते हुए कहा साथ ही पीएम मोदी ने चार डिजिटल कोर्ट की पहल भी की है।
पीएम मोदी ने युवाओं से बहस और चर्चाओं में भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि, “संविधान देश की प्रगति को आगे बढ़ाने वाली सबसे बड़ी ताकत हैं। हमारे संविधान की भावना युवा केंद्रित है। मैं सरकारी संस्थानों और न्यायपालिका से अनुरोध करता हूं कि वे हमारे युवाओं के बीच अधिक जागरूकता पैदा करने के प्रयास करें।“
उन्होंने आगे कहा कि, आज 26 नवंबर वह दिन है जब ठीक 14 साल पहले निर्दोष लोगों पर आतंकवाद की सबसे अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया था। मैं मुंबई हमले के सभी पीड़ितों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।“
पीएम ने आगे कहा कि, 26 नवंबर को 1949 में संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 2015 से संविधान दिवस के रूप में चिन्हित किया गया है। साथ ही भारत को एक सप्ताह में जी 20 की अध्यक्षता मिल जाएगी। यह देश के लिए एक बहुत ही बड़ा अवसर है, साथ ही न्यायपालिका की सराहना करते हुए कहा कि न्याय तक पहुंच को आसान बनाने के लिए डिजिटल पहल करने की आवश्यकता है।
बता दें पीएम मोदी ने ई-कोर्ट परियोजना के तहत नई पहल की शुरूआत की है। परियोजना अदालतों की आईसीटी सक्षमता के माध्यम से वादकारियों, वकीलों और न्यायपालिका को सेवाएं प्रदान करने का एक प्रयास हैं। इस पहल में वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस डब्ल्यू एएएस वेबसाइट शामिल हैं। यह सब कार्यक्रम से पहले एक बयान में उनके कार्यालय के हवाले से कहा गया है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, “आज संविधान दिवस पर हम उन महान लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने हमें हमारा संविधान दिया और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी दृष्टि को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। ”