ईरान के सरकारी टेलीविजन ने इराक में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद दावा किया है कि इस हमले में ८० लोगों की मौत हो गयी है हालांकि अमेरिका ने अभी तक इस दावे के बारे में कुछ टिप्पणी नहीं की है और वहां राष्ट्रपति ट्रम्प की बड़े अधिकारियों के साथ बैठक जारी है। दुनिया के कई देशों ने इस तनाव तो टालने की अपील की है।
हमले के बाद तेल की कीमतों में अचानक बढ़ौतरी हुई है। भारत में सेंसेक्स ११० अंक नीचे गिर गया है। इस हमले के बाद खाड़ी में तनाव बढ़ गया है। भारत ने अपने नागरिकों को फिलहाल ईराक नहीं जाने की सलाह दी है। कुछ देशों ने अपने विमानों के रुट इसके बाद बदले हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। पेंटागन ने ईरान के हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका और गठबंधन सेना के ठिकानों पर एक दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है। याद रहे अमेरिका इके द्वारा ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारने के बाद से ही दोनों देशों में तनातनी चल रही है। तेहरान के इस हमले के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है।
अमेरिका सेना बेस पर बुधवार तड़के मिसाइल हमले के बाद पेंटागन ने बयान जारी कर कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। इस बीच वॉशिंगटन ने कहा है कि वह मामले पर करीबी नजर रखे हुए है। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए नाटो अपने कर्मचारियों को इराक से निकाल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इराक में नागरिकों विमानों की उड़ान रोक दी गई है।
ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने सरकारी मीडिया से कहा कि इराक में यूएस के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। तेहरान अमेरिकी सेना को नहीं बख्शेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अब यहां से अपनी सेनाओं को हटाना ही होगा या फिर हमारी पहुंच से दूर करना होगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को ईरान के हमले के बारे में जानकारी दी गई है। वाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया कि वॉशिंगटन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि अगर ईरान हमला करेगा तो वह उसका करारा जवाब देंगे। उन्होंने कहा था कि अमेरिका ईरान के ५२ ठिकानों पर हमले करेंगे।