मेरे इरादे साफ हंै’। अगर उद्योगपतियों की बगल में सूट-बूट पहने हुए मैं दिखता हूं तो इसलिए क्योंकि मेरे इरादे साफ हैं। मुझे उनके साथ खड़े होने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती क्योंकि ‘इरादे’ बड़े साफ है। व्यापारी भारत के विकास में मदद करते रहे है। गांधी जी के भी इरादे इतने नेक और शुद्ध थे कि उन्हें बिड़ला परिवार में रहने में कभी कोई संकोच नहीं रहा।
प्रधानमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस ने कहा, यह उनके विवेक पर है कि वे किन उद्योगपतियों के साथ दिखते हैं। वे जो भारतीय बंैक प्रणाली को लूट कर देश के बाहर हो जाते हैं या दूसरे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वे अपनी तुलना गांधी से कर रहे हैं यह कितना हास्यास्पद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में सोमवार को विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, ‘पब्लिक में मिलना नहीं, पर्दे के पीछे सब कुछ करना है। वे डरते रहते हंै। पूर्व सपा नेता अमर सिंह यहां बैठे हुए हैं। ये आपको पूरा ब्यौरा दे सकते हैं। क्या हमने कभी (उद्योगपतियों और व्यापारियों) को ‘चोर’ और ‘लुटेरे’ कह कर कभी गाली दी। जो देश के साथ गलत करते हैं उन्हें देश छोडऩा पड़ता है या फिर अपने दिन जेल में गुजारने पड़ते हैं। क्या आपको यह पता नहीं कि वे किसके जहाज में घूमते थे। लखनऊ में हुआ भव्य समारोह राज्य में 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश पर आयोजित था। इसमें देश के जाने माने उद्योगपति आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला, अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, एसेंल समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा और आईटीसी के प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ही नहीं बल्कि वाल्मार्ट के संचालक भी मौजूद थे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग उनकी आलोचना करते हैं वे दशकों पुरानी समस्याएं भूल जाते हैं। कृप्या ध्यान दीजिए। आप उनके राज के 70 साल याद कीजिए और मेरे पास तो सिर्फ चार साल हैं। जबकि आपके पास तो 70 साल हैं। दरअसल देश में कांग्रेस का शासनकाल 54 साल का है। सत्ता में मोदी के नेतृत्व में राज पांच साल का है। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी एक साल सत्ता में रहे। सहयोगी गठबंधन रूप में तीन साल भाजपा ने पहले राज किया था जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे।
‘कुछ लोग इसे भूमि पूजन समारोह कहते हैं लेकिन यह रिकार्ड ब्रेकिंग समारोह है। इतने कम समय में पुराने तौर-तरीके बदल गए हैं। और उद्योगपतियों का भरोसा हासिल किया गया है। मुझे खुशी है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निवेश का महत्वपूर्ण माहौल, कार्य संस्कृति बदल कर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र को खास तौर पर तवज्जुह दी गई है। प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं की आज आधारशिला रखी उससे राज्य में औद्योगिकीकरण बढ़ेगा। अगले लोकसभा चुनाव के पहले राज्य में बड़े औघौगिकीकरण का लक्ष्य पूरा हो चलेगा।
राज्य के उद्योग मंत्री सतीश महाना ने कहा कि इन उद्योगों से दो लाख लोगों से ज़्यादा लोगों को नौकरियां मिल सकेंगी। प्रधानमंत्री अपने विपक्षियों पर हमला करने से नहीं चूके जो बाहर की उनकी यात्राओं का उपहास उड़ाते हैं। वे ऐसा कह कर लोकसभा चुनाव में अपनी हार के अंदेशे से घबराए हुए हैं।
खुद के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘इस राज्य का मैं सांसद हूं। मैं यहां दो बार, पांच बार,नहीं दस बार आऊंगा। मैं आता रहूंगा।’ दरअसल वे समाजवादी पार्टी के नेताओं की टिप्पणी पर बोल रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री महीने भर में छह बार तो राज्य में आते हैं। उनकी इस महीने में राज्य की यह छठी और लखनऊ की दूसरी बार हुई यात्रा थी।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, सवाल बहुत सीधा है प्रधानमंत्री किस तरह के उद्योगपतियों के साथ दिखते हैं, बात करते हैं। एक, जो भारतीय बैंक को नुकसान पहुंचा कर लापता हो जाते हैं जिनके साथ उनके फोटो भी दिखते हैं। दूसरे आप किस तरह के उद्योगपतियों – पूंजीपतियों को बढ़ावा दे रहे हैं। हम सूट बूट की सरकार के मेलजोल पर अपनी बात कह रहे हैं। बहुतों की कीमत पर कुछ को लाभ नहीं पहुंचना चाहिए।