भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने के संकेतों के बीच बुधवार को पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में पाकिस्तान केबिनेट ने एक बड़ा फैसला करते हुए भारत से कपास खरीद को मंजूरी दे दी है। इससे पहले फरवरी में दोनों देशों के बीच सीमा पर युद्धविराम रखने और इसके बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने भारत से रिश्ते सुधारने को लेकर बड़े ब्यान दिए थे। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद पाकिस्तान ने नेशनल डे पर इमरान खान को एक बधाई सन्देश भेजकर रिश्तों को बहाल करने की पहल को आगे बढ़ाया था।
जानकारी के मुताबिक आज पाकिस्तान की आर्थिक मामलों से जुड़ी केबिनेट की बैठक पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में हुई जिसमें भारत से कपास खरीदने का प्रस्ताव किया गया और उसे मंजूरी भी दे दी गयी। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते बहाल होने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा सकता है।
इमरान खान सरकार भारत के साथ व्यापार शुरू करने को लेकर हाल के कुछ दिनों में काफी सक्रिय हुई है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक दोनों देशों के बीच रिश्ते बहाल करने की पहल में यूएई का बड़ा रोल रहा है। अब पाकिस्तान भारत से 30 जून, 2021 तक कपास आयात करेगा। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए आज पाकिस्तान की केबिनेट में इकॉनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी की एक रिपोर्ट पेश की गयी। इसपर चर्चा के बाद भारत के साथ कपास के व्यापार को मंजूरी दे दी गयी।
बैठक में भारत के साथ कपास के अलावा शूगर ट्रेड शुरू करने की भी बात हुई और भारत से इसके लिए अपील की गयी है। अब भारत की तरफ से इसे लेकर क्या फैसला आता है, यह देखना होगा। पाकिस्तान और भारत के बीच कई महीनों से व्यापार रिश्ते बंद पड़े हैं। पुलवामा और बालाकोट के बीच दोनों देशों में चरम पर पहुंचे तनाव के दौरान भारत ने पाकिस्तान से ट्रेड रिश्ते तोड़ लिए थे और साथ ही पड़ौसी देश के साथ ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का टैग भी वापस ले लिया था।
मंगलवार को पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग मंत्रालय ने इमरान खान की अध्यक्षता में हुई भारत से कपास और सूती धागे के आयात पर प्रतिबंध हटाने के लिए केबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) से अनुमति मांगी थी। पाकिस्तान ने कपड़ा क्षेत्र में कच्चे माल की कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार कपास के आयात पर प्रतिबंध हटाने की सिफारिश की थी और इसका कारण यह है कि देश (पाकिस्तान) में कपास की पैदावार निचले स्तर पर पहुँच गयी है।
कपास और यार्न की कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को उज्बेकिस्तान, अमेरिका और ब्राजील पर निर्भर रहना पड़ता है। हालांकि, भारत से माल पाकिस्तान पहुँचने में इन देशों के मुकाबले बहुत कम वक्त लगता है जिससे यह उसे सस्ता पड़ता है।
याद रहे अनाव से पहले भारत वाघा के रास्ते पाकिस्तान को कपास भेजता था। हालांकि, 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने भारत से कपास और चीनी सहित इंपोर्ट बंद करने का ऐलान कर दिया था। इससे पहले पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाली सभी वस्तुओं पर 200 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी थी जिससे दोनों पड़ौसियों के बीच व्यापार बंद हो गया था।