प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि इस वर्ष भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है, लिहाजा हम इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने प्रवासी दिवस पर कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं तो वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साक्षात दर्शन होते हैं।
पीएम ने यह बातें सोमवार को इंदौर में प्रवासी दिवस सम्मेलन के उदघाटन पर कहीं। उन्होंने कहा – ‘इस साल देश जी-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा हैं। हमारे लिए ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है, तो उसे सशक्त और समर्थ भारत की आवाज़ भी सुनाई देती है।’
मोदी ने इस अवसर पर प्रवासी दिवस सम्मेलन को लेकर कहा – ‘दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों और क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सुखद एहसास होता है।’ पीएम ने कहा कि 130 करोड़ भारतवासियों की तरफ से आपका स्वागत करता हूं।
इस सम्मेलन में 70 देशों के प्रवासी भारतीय शिरकत कर रहे हैं। करीब 4 साल बाद प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन एक फिर से अपने मूल स्वरूप में हो रहा है। ये सम्मेलन मध्य प्रदेश के उस धरती पर हो रहा है जिसे देश का हृदय क्षेत्र कहा जाता है।
उन्होंने कहा – ‘वैसे हम सभी जिस शहर में हैं वो भी अपने आप में अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है लेकिन मैं कहता हूं इंदौर एक दौर है। ये वो दौर है जो समय से आगे चलता है फिर भी विरासत को समेटे रहता है। अपन का इंदौर देश ही नहीं पूरी दुनिया में लाजवाब है। साबूदाने की खिचड़ी, कचौड़ी, समोसे शिकंजी जिसने भी देखा उसका मुंह का पानी नहीं रुका, जिसने इसे चखा उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा।’
पीएम ने कहा कि यही वजह इंदौर को स्वच्छता के साथ साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। मुझे विश्वास है कि यहां के अनुभव नहीं भूलेंगे और यहां के अनुभवों को वापस जाकर बताना भी नहीं भूलेंगे।
मोदी ने कहा – ‘यह प्रवासी भारतीय दिवस कई मायनों में खास है। अभी कुछ महीने पहले ही हमने भारत की आजादी के 75 साल मनाए हैं। यहां स्वतंत्रता संग्राम की प्रदर्शनी लगाई गई है। देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है. भारत की वैश्विक दृष्टि को मजबूती मिलेगी।’
उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों और क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सुखद एहसास होता है। जब दुनिया के अलग अलग देशों में सबसे शांति प्रिय और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है तो भारत को गौरव और बढ़ जाता है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी होने का गौरव होता है।