इंडोनेशिया के सुंडा जलडमरूमध्य में शनिवार की रात ज्वालामुखी फटने से आयी सुनामी में मरने वालों की संख्या १६८ पहुँच गयी है। सुनामी के तांडव में करीब ७०० लोग घायल हुए हैं और सैंकड़ों बेघर हो गए हैं। ऊंची लहरें उठने से तट के किनारे बड़ी संख्या में मकान और होटल भी धवस्त हो गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक देश की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता स्तुपो पुर्वो ने बताया कि शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात लगभग साढ़े नौ बजे दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को तोड़कर आगे बढ़ीं जिससे अनेक मकान नष्ट हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने सोशल मीडिया पर सुनामी का मंजर सोशल मीडिया पर बयां किया है।
इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि अनाक क्राकाटाओ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे भूस्खलन सुनामी का कारण हो सकता है। उन्होंने लहरों के उफान का कारण पूर्णिमा के चंद्रमा को भी बताया।
सुनामी का सबसे ज्यादा प्रभाव जावा के बांतेन प्रांत के पांडेंगलांग क्षेत्र में पड़ा है। आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक यहां ६७ लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा दक्षिणी सुमात्रा के बांदर लामपंग शहर में सैकंड़ों लोगों को गवर्नर के कार्यालय में शरण लेनी पड़ी है।
रिपोर्ट के मुताबिक भूभौतिकी एजेंसी ने कहा कि हिंद महासागर और जावा समुद्र को जोड़ने वाले सुंडा जलडमरूमध्य में सुनामी आने से करीब २४ मिनट पहले अनाक क्राकाटाओ ज्वालामुखी फटा था। इससे पहले सितंबर में सुलावेसी द्वीप पर पालू शहर में आए भूकंप और सुनामी में करीब २५०० लोगों की मौत हुई थी।