मणिपुर का दौरा करने वाले 21 सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ फ्लोर लीडर्स ने आज (बुधवार) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
‘इंडिया’ गठबंधन के 31 सदस्यों ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की है और मणिपुर का दौरा करने वाले 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें वहां की जमीनी स्थिति के बारे में और अपने अनुभवों के बारे भी अवगत कराया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए एलओपी राज्यसभा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, “हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा हैं। हमने राष्ट्रपति को विशेष रूप से मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पुनर्वास और अन्य स्थितियों के बारे में जानकारी दी है। हमारी मुख्य मांग हैं कि प्रधानमंत्री को मणिपुर का दौरा करना चाहिए और राज्य में शांति बहाल करने की दिशा में कदम भी उठाने चाहिए।”
मणिपुर में वहां की जमीनी स्थिति का आकलन करने वाले ‘इंडिया’ के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29 जुलाई को मणिपुर के दौरे पर गया था और 30 जुलाई को वहां से लौटा था।
बता दें, मणिपुर दौरा करने वाले इंडिया गठबंधन के 16 पार्टियों के 20 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस), गौरव गोगोई (कांग्रेस), राजीव रंजन और (ललन) सिंह (जदयू), सुष्मिता देव (टीएमसी), कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके सीपीआई), संदोश कुमार पी., ए. ए. रहीम, सीपीआई (एम), प्रो. मनोज कुमार झा (राजद), जावेद अली खान (एसपी), महुआ माजी (झामुमो), पी.पी. मोहम्मद फैजल (एनसीपी), अनिल प्रसाद हेगड़े (जद(यू), ईटी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एन प्रेमचंद्रन (आरएसपी), सुशील गुप्ता (आप), अरविंद सावंत (शिवसेना), डी रविकुमार (वीसीके), थिरु थोल थिरुमावलवन (वीसीके), जयन्त सिंह (रालोद), फूलो देवी नेताम (कांग्रेस) शामिल थे।
मणिपुर में पिछले ढाई महीने से दो समुदायों मैतेई और कुकी के बीच जातीय हिंसा चल रही है। और विपक्ष संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही संसद के दोनों सदनों में लगातार चर्चा की मांग और प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है। इस से संबंधित कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया जिस पर फिलहाल चर्चा का समय निर्धारित नहीं हुआ हैं।