कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जामिया में छात्रों पर बर्बरता की घटनाओं, महिला सुरक्षा और नागरिकता संशोधन के खिलाफ छात्र आंदोलन को समर्थन देने के लिए सोमवार शाम इंडिया गेट पर धरने पर बैठी गईं। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी धरने पर बैठे हैं।
संभावना है कि धरने के बाद वे मीडिया से बात कर सकती हैं। जामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान कई छात्राएं घायल हो गईं थीं। छात्राओं का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उनपर हमला किया, साथ ही कैंपस में आंसू गैस के गोले छोड़े गए। प्रियंका इस मुद्दे पर भी विरोध धरना कर रही हैं।
प्रियंका गांधी के साथ-साथ उनके समर्थक भी धरने पर बैठे हैं। गांधी के साथ केसी वेणुगोपाल, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, अहमद पटेल गुलाम नबी आज़ाद आदि भी धरने पर बैठे हैं।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि देश गुंडों की जागीर नहीं है। उनका दो घंटे का धरना-प्रदर्शन ४ बजे शुरू हुआ। धरने पर बैठने से पहले जामिया मिलिया इस्लामिया घटना पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया है, उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के बाद छात्रों पर हमला किया है। हम संविधान के लिए लड़ेंगे, हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे।
प्रियंका गांधी ने रविवार देर रात भी ट्वीट कर कहा था कि पीएम को युवाओं की आवाज सुननी होगी।
उन्होंने ट्वीट में कहा – ”देश की यूनिवर्सिटीज में घुसकर उसके अंदर छात्रों को पीटा जा रहा है। ऐसे समय में जब सरकार को जनता की आवाज सुननी चाहिए, उस वक्त बीजेपी सरकार नॉर्थ ईस्ट, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छात्रों और पत्रकारों पर जुल्म ढा रही है। यह सरकार डरपोक है।”