सीबीआई मामले में सीवीसी की रिपोर्ट और सरकार की तरफ से छुट्टी पर भेजे गए निदेशक आलोक वर्मा के मामले की शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में करीब आठ मिनट तक चली सुनवाई में अदालत ने कोइ फैसला नहीं सुनाया। अदालत ने कहा कि सीवीसी की रिपोर्ट से लगता है कि कुछ जांच की ज़रुरत है लिहाजा आलोक वर्मा से अदालत ने सोमवार तक इस पर जवाब माँगा है। आलोक वर्मा को सीवीसी की रिपोर्ट की कॉपी सील बंद लिफ़ाफ़े में देने को कहा है हालाँकि छुट्टी पर भेजे विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को रिपोर्ट की कॉपी देने से सर्वोच्च अदालत ने इंकार कर दिया।
आज के कोर्ट के फैसले के बाद आलोक वर्मा को कोइ रहत मिली हो ऐसा नहीं कहा जा सकता। पहले चर्चा थी कि उन्हें ”क्लीन चिट” दी गयी है हालांकि इस पर तस्वीर मंगलवार को साफ़ हो सकती है जब कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा। उन्होंने अपना जवाब सोमवार (१९ नवम्बर) तक फाइल करने का आग्रह किया था। फिलहाल उन्हें ”क्लीन चिट” मिली है ऐसा नहीं लगता और उन्हें कुछ बिंदुओं में जांच से गुजरना पद सकता है।
आज की सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने एजी और एसजी को भी सील बंद लिफाफे में सीवीसी की रिपोर्ट की कॉपी देने को कहा है। अभी तक की कोर्ट की कार्यवाही से संकेत मिलता है अभी इस मामले में काफी पेंच हैं और पूरी तस्वीर मंगलवार को साफ़ हो सकती है जब इस मामले पर अगली सुनवाई होनी है। कोर्ट ने आलोक वर्मा को सोमवार एक बजे तक अपना जवाब दायर करने को कहा है।
आज की सुनवाई से संकेत मिलता है कि सीवीसी ने जो रिपोर्ट दी है उसमें वर्मा को लेकर सीधे-सीधे कोइ ”क्लीन चिट” नहीं दी गयी है। हो सकता है इस रिपोर्ट में किसी बिंदु पर जांच पर जोर दिया गया है। और यदि किसी गंभीर मसले पर जांच का सीवीसी का सुझाव होगा तो यह मामला अभी लम्बा भी खिंच सकता है। कोर्ट की आज की सुनवाई से यह भी जाहिर है कोर्ट इस मामले में गोपनीयता को लेकर किसी तरह के समझौते के हक़ में नहीं हैं।