सीबीआई मामले में मोदी सरकार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। गुरूवार को तीन बड़े घटनाक्रम हुए। एक सीबीआई के छुट्टी पर भेजे गए निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर चार लोगों को संदिग्ध हालात में पकड़ा गया है और आरोप है कि आईबी के यह लोग उनकी जासूसी के लिए तैनात किये गए थे। दूसरे सरकार की तरफ से आलोक वर्मा से सीबीआई निदेशक का कामकाज छीने जाने और एम नागेश्वर राव की अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। तीसरे भाजपा के वरिष्ठ सांसद सुब्रमणियम स्वामी ने मोदी सरकार की तरफ से छुट्टी पर भेजे गए निदेशक आलोक वर्मा को ईमानदार अधिकारी बताते हुए सरकार की ही मंशा पर सवाल उठा दिये हैं।
पहले बात जासूसी की। गुरूवार सुबह सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर चार लोगों को संदिग्ध हालात में पकड़ लिया गया। चारों पर वर्मा के घर के बाहर उनकी जासूसी करने का आरोप लगा है। तलाशी पर उनके पास से सरकार की एजेंसी इंटेलीजेन्स ब्यूरो (आईबी) के आईकार्ड मिले हैं। दिल्ली पुलिस के लोगों ने चारों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ चल रही है। हालांकि आईबी ने अपने लोगों के गतिविधि को ”रूटीन” बनाया है।
दूसरा घटनाक्रम आलोक वर्मा से सीबीआई निदेशक का कामकाज छीने जाने और एम नागेश्वर राव की अंतरिम निदेशक नियुक्त किये जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने का है। उधर कथित तौर पर दो करोड़ घूस लेने के आरोपी राकेश अस्थाना के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में एसआइटी जांच की याचिका कोर्ट में पहुंची गयी है। यह याचिका एनजीओ कॉमन कॉज ने दाखिल की है।
कॉमन कॉज की तरफ से याचिका सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दाखिल की है। उनका कहना है कि अंतरिम निदेशक राव पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप (मामले) हैं लिहाजा उन्हें सीबीआई का अंतरिम निदेशक नहीं बनाया जा सकता। भूषण ने कोर्ट से इस मसले की सुनवाई जल्दी करने की मांग की और कहा कि शुक्रवार को ही इस मामले की भी सुनवाई हो सकती है। मुख्या न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि सुनवाई का मामला वे देख लेंगे।
विपकस्ग ने सीबीआई की घटनाओं के बाद मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस अपने प्रचार में सीबीआई की घटनाओं को राफेल विमान खरीद से जोड़ रही है और उसका आरोप है कि सरकार राफेल में भ्रष्टाचार के मामले में फंसे होने के कारण बैक फुट पर है। दरअसल सीबीआई का मामला मोदी सरकार के गले की फांस बन गया है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसे लगातार राफेल खरीद में भ्रष्टाचार से जोड़ रहे हैं जिससे लगता है कि २०१९ में यह एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है।