आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी घोषित, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को अपनी बैठक में आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की घोषणा कर दी। इसके अलावा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए इसे 4 फीसदी पर बरकरार रखा है। इससे ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।

बैठक में आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट को भी पुराने स्तर पर बरकरार रखने का  फैसला किया है और यह 3.35 फीसदी रहेगा। एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने ब्याज दरों को बरकरार रखने का समर्थन किया। बता दें इससे पहले आरबीआई ने 20 महीने पहले 22 मई, 2020 की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव किया था।

आरबीआई की तरफ से आज की बैठक के बारे में बताया गया है कि आईटी आउटसोर्सिंग पर ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। ऑफशोर ओआईएस मार्केट में बैंकों को ट्रांजैक्शन की भी मंजूरी दे दी गयी है। इसके अलावा क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के नियम भी आज जारी किए जाएंगे।

बैठक में ऑफशोर ओआईएस मार्केट में बैंकों को ट्रांजैक्शन की मंजूरी के अलावा वॉलंटरी रिटेंशन रूट (वीआरआर ) लिमिट 1 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाई गयी है। डेट मार्केट में स्कीम के तहत एफपीआई की लिमिट भी बढ़ाई गई। अन्य फैसलों में ऑन टैप लिक्विडिटी सुविधा 2 स्कीम के लिए बढ़ाई गई है, वित्त वर्ष 2022 में चालू खाता घाटा जीडीपी का 2 फीसदी से कम होने की संभावना जताई गयी है, ई-रूपी प्री-पेड डिजिटल वाउचर की लिमिट 10 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दी गयी है।

आज की बैठक में बैंकों को गवर्नेंस मजबूत करने की जरूरत जताई गयी है। बैंकों की बैलेंस शीट में मजबूती बरकरार होने और ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बरकरार होने की बात कही गयी है। वीआरआरआर ऑक्शन जारी रहेंगे, बैंकों को रिस्क मैनेजमेंट बेहतर करने की जरूरत है, सेंट्रल बैंक का लिक्विडिटी री-बैलेंसिंग पर फोकस होगा, सिस्टम में लिक्विडिटी की कोई समस्या नहीं है, वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में महंगाई दर 4 फीसदी संभव, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.8 फीसदी से घटकर 7 फीसदी होने का अनुमान जताया है।