मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी उच्च पदों पर बैठे कुछ लोगों के इस्तीफों का दौर चला था और अब उनके दूसरे कार्यकाल में भी इसकी शुरुआत हो गयी है। खबर है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के अभी तक के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इस्तीफा दे दिया है। उनके कार्यकाल के ख़त्म होने में अभी छह महीने का वक्त और था।
आचार्य वित्तीय क्षेत्र में प्रणालीगत जोखिम क्षेत्र में विश्लेषण और शोध के क्षेत्र में बड़ा नाम हैं। आईआईटी मुंबई के छात्र रहे आचार्य ने १९९५ में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में स्नातक और न्यूयार्क विश्वविद्यालय से २००१ में वित्त में पीएचडी की।
पिछले छह महीने में रिजर्व बैंक से इस्तीफा देने वाली आचार्य दूसरे बड़े पदाधिकारी हैं। याद रहे इससे पहले पिछले साल दिसंबर में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि यह बात कमोवेश जाहिर ही हो गयी थी कि उनके इस्तीफे के पीछे कारण मोदी सरकार के साथ ”मतभेद” थे।
न्यूयार्क विश्वविद्यालय के वित्त विभाग में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे आचार्य को तीन साल के कार्यकाल के लिए २३ जनवरी, २०१७ को आरबीआई में शामिल किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई में अब तीन डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन, बीपी कानूनगो और एमके जैन हैं।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आचार्य का इस्तीफा
छह महीने में उर्जित पटेल के बाद इस्तीफा देने वाले दूसरे बड़े अधिकारी