कोरोना के कहर के बीच लॉक डाउन के चलते देश में कामकाज को चलायमान बनाये रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बाज़ार में निवेश के लिए ५०,००० करोड़ रुपए का ऐलान किया। यह पैसा छोटे और मझोले उद्योगों को दिया जायेगा ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लॉक डाउन का विपरीत असर न पड़े।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए कहा – ”हमने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और लॉक डाउन के दृष्टिगत कामकाज को सुचारू बनाये रखने के लिए कई पहल की है। वर्तमान में पूरी दुनिया एक बड़ी आर्थिक मंद की तरफ़ बढ़ रही है लेकिन भारत के हालात उतने ख़राब नहीं हैं। मार्च के बाद जरूर हमपर असर पड़ा है।”
याद रहे गुरूवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके लॉक डाउन के बाद छोटे-मझोले उद्योगों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि लॉक डाउन का असर बाद में सामने आएगा लिहाजा सरकार से उन्होंने अभी से उपाए करने की मांग उठाई थी।
अब आरबीआई ने शुक्रवार को उपरोक्त ऐलान किये हैं। गवर्नर ने कहा कि बाज़ार में ५०,००० करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। दास ने कहा – ”राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक को २५,००० करोड़, स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवेलपमेंट बैंक को १५,००० करोड़ रुपए और नेशनल हाउसिंग बैंक को १०,००० करोड़ रुपए दिए जाएंगे। रिजर्व बैंक फिलहाल बैंकों को डिविडेंड नहीं बंटेगा।”
आरबीआई गवर्नर ने दावा किया कि जी-२० देशों में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बेहतर हालत में है। उन्होंने कहा कि देश में बैंकिंग सेक्टर पूरी तरह से काम कर रहा है और लगभग ९१ फ़ीसदी बैंक एटीएम चालू हैं।
इस बीच रिज़र्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में २५ बेसिस प्वाइंट की कटौती की है जिससे बाज़ार में और पैसा आएगा। रिवर्स रेपो रेट चार फ़ीसदी से घटकर ३.७५ फ़ीसदी कर दिया गया है, जबकि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि भारत में भी मार्च से हालात ख़राब हुए लेकिन बावजूद इसके भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। ”जब सारी दुनिया में मंदी है, भारतीय अर्थव्यवस्था के १.९ फ़ीसदी की दर से बढ़ने की बात है। आज की घोषणा आख़िरी नहीं है, स्थिति को देखते हुए रिज़र्व बैंक आगे भी इस तरह की घोषणा करेगा।”