नागरिकता संशोधन कानून का पूर्वोत्तर में तो विरोध हो ही रहा है साथ ही पश्चिम बंगाल में भी व्यापक हिंसक प्रदर्शन किए गए हैं। एक ओर जहां दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विरोध कर रहे निहत्थे छात्रों को पुलिसिया बर्बरता का शिकार होना पड़ा है तो दूसरी ओर पूर्वोत्तर में जाने-माने आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई पर आंतक रोधी कानून के तहत कार्रवाई की गई है।
दरअसल, अखिल गोगोई विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना दे रहे थे। असम के जोरहाट में धरने पर बैठे गोगोई पर ‘काले कानून’ के तहत कार्रवाई की गई है। उन पर हाल ही में पारित यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यानी अब उन पर आतंकियों की तरह मुकदमा चलाया जाएगा।
अखिल गोगोई ने सामाजिक कार्य के साथ ही सूचना के अधिकार के तहत कई अहम खुलासे किए हैं। संभवत: उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की एक वजह ये भी हो सकती है। अखिल गोगोई कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सलाहकार भी हैं। इससे पहले, जामिया के छात्रों के समर्थन में दिल्ली पुलिस की कैंपस में घुसकर बर्बरता बरतने का विरोध में रविवार देर रात ही सड़कों पर उतर आए।