आखिर वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह को ”न्याय” मिल ही गया। उन्हें बुधवार को बनाई गयी आठ केबिनेट कमिटियों में से सिर्फ दो में जगह दी गयी थी जबकि प्रोटोकॉल में उनसे एक पायदान नीचे वाले गृह मंत्री अमित शाह को सभी आठ समितियों में जगह मिली थी। इसके बाद भाजपा के भीतर तूफान सा मच गया था और यह माना गया था कि यह राजनाथ सिंह का ”कद छोटा करने की कोशिश” है। हालाँकि, इससे नाराज राजनाथ सिंह के गुस्से की खबर जब आरएसएस तक पहुँची तो आनन्-फानन सरकार की तरफ से राजनाथ सिंह को चार और समितियों में जगह दे दी गयी।
राजनाथ सिंह को कुछ घंटे में ही ”सम्मान” वापस मिलने को राजनीति के जानकार भाजपा के भीतर मोदी-शाह की जोड़ी को ”झटके” के रूप में देख रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि समितियों का गठन करते हुए ”जान बूझकर” राजनाथ की वरिष्ठता को ”नजरअंदाज” किया गया और यह एक तरह से उनका कद ”हल्का” करने की कोशिश थी।
जानकारी के मुताबिक समितियों में खुद को नजरअंदाज किये जाने से राजनाथ सिंह आहत ही नहीं बल्कि बहुत ज्यादा खफा भी थे। यदि ख़बरों पर भरोसा किया जाए तो राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा तक दे देने की धमकी दे दी थी। माना जाता है कि उन्होंने अपनी नाराजगी आरएसएस के दो या तीन बड़े नेताओं से साझा की जिसके बाद नागपुर ने हस्तक्षेप करके राजनाथ का नाम चार और समितियों में डलवाया।
इसके बाद राजनाथ सिंह का नाम केंद्र सरकार की और चार मंत्रिमंडलीय समितियों में जोड़ दिया गया। अब वह संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के अध्यक्ष जबकि राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति, निवेश और विकास मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के साथ-साथ रोजगार और कौशल विकास मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के सदस्य बन गए हैं। इससे पहले, उन्हें आर्थिक मामलों और सुरक्षा मामलों की दो अलग-अलग केबिनेट कमिटियों में जगह दी गई थी।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने गुरुवार सुबह अपने दूसरे कार्यकाल में ८ मंत्रिमंडलीय समितियों का गठन किया था। राजनाथ सिंह को इन आठ में सिर्फ दो समितियों में शामिल किया गया जबकि गृह मंत्री अमित शाह सभी आठ समितियों में शामिल थे।
अमित शाह के बाद सबसे ज्यादा सात केबिनेट कमिटियों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जबकि पीयूष गोयल को ५ और नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर को चार-चार कमिटियों में जगह मिली थी।
आरएसएस के ‘दखल’ के बाद चार और समितियों में राजनाथ सिंह
पहले मोदी सरकार ने राजनाथ को आठ में से सिर्फ दो समितियों में दी थी जगह