प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) में जहाँ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए एकजुटता पर जोर दिया वहीं कहा कि आतंक का समर्थन करने वालों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। मोदी ने यह भी कहा कि आतंकवाद पर भारत एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बुलाएगा।
मोदी ने इससे पहले गुरूवार को भी द्विपक्षीय बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने भी आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। मोदी ने पिछले दिनों श्रीलंका के अपने दौरे का उदहारण दिया और कहा – ”वहां मुझे आतंकवाद के घिनौने चेहरे का स्मरण हुआ। वह आतंक जो कहीं भी प्रकट होकर मासूमों की जान ले लेता है। इस खतरे से निपटने के लिए सभी मानवतावादी ताकतों को अपने संकीर्ण दायरे से निकलकर एकजुट हो जाना चाहिए।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद को समर्थन और पैसा प्रदान करने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। मोदी ने कहा – ”एससीओ अधिकारों के तहत सभी देशों को आतंक के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करना चाहिए। भारत आतंकवाद से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आह्वान करता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे साझा युग को बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है, पीपुल कनेक्टिविटी पर भी जोर है। ”एससीओ देशों के पर्यटकों के लिए भारत जल्द ही हेल्पलाइन जारी करेगा। हमारे लिए शांतिपूर्ण और समृद्ध अफगानिस्तान अहम है। एससीओ में अफगानिस्तान का रोडमैप तैयार हुआ है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को २०२० में एससीओ की अध्यक्षता के लिए बधाई।”
प्रधानमंत्री ने गुरूवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में आतंकवाद से लड़ाई का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान आतंकवाद मुक्त माहौल तैयार करने के लिए ठोस कदम उठाएगा ताकि दोनों देशों के बीच वार्ता फिर शुरू हो सके।
नजरें तक नहीं मिलीं
पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच शुक्रवार को कोई मुलाकात नहीं हुई। दोनों नेता गुरुवार को किर्गिस्तान के राष्ट्रपति के अनौपचारिक भोज और समिट में साथ आए, लेकिन मोदी ने इमरान की ओर देखा तक नहीं। भारत कह चुका है कि एससीओ में मोदी और इमरान की बैठक का कोई कार्यक्रम नहीं है।