आज देश भर में सरकारी बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं। विजया बैंक और देना बैंक के बैंक आफ बड़ौदा में प्रस्तावित मर्जर (विलय) के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर ) के बैंक कर्मियों की यूनियन ने आज हड़ताल का आह्वान किया है। निजी बैंक अलवत्ता खुले रहेंगे और उनमें सामान्य कामकाज होगा।
गौरतलब है पिछले हफ्ते भी बैंक कर्मियों ने हड़ताल की थी। बैंक अधिकारियों की यूनियन ने प्रस्तावित विलय के अलावा वेतन संशोधन पर बातचीत पर जल्दी फैसले की मांग पर २१ दिसंबर को भी हड़ताल की थी। ज्यादातर बैंकों ने ग्राहकों को हड़ताल के बारे में सूचना दे दी है। निजी बैंक अलवत्ता खुले रहेंगे।
गौरतलब है की हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने हड़ताल का आह्वान किया है। यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संगठन है। इसमें आल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), नेशनल कनफेडरेशन आफ बैंक एम्प्लायज (एनसीबीई) और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) आदि यूनियनें शामिल हैं।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस का दावा है कि उसके सदस्यों की संख्या दस लाख से अधिक है। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त ने बातचीत के लिये बैठक बुलायी थी लेकिन उससे कोई हल नहीं निकला। इसीलिए सभी यूनियनों हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान सरकार और संबंधित बैंकों दोनों ने यह भरोसा नहीं दिलाया कि वे विलय के लिये कदम नहीं उठाएंगे। यूनियनों ने दावा किया कि सरकार विलय के जरिये बैंकों का आकार बढ़ाना चाहती है लेकिन यदि देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भी मिलाकर एक कर दिया जाए तो भी विलय के बाद अस्तित्व में आई इकाई को दुनिया के शीर्ष दस बैंकों में स्थान नहीं मिलेगा।