राजस्थान की राजनीति का अभी पटाक्षेप नहीं हुआ है। पिछले एक महीने में एक बार भी गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात नहीं करने वाली राज्य भाजपा ने गुरूवार को विधायक दल की बैठक में अचानक फैसला किया है कि वह 14 अगस्त के विधानभा सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। उधर कांग्रेस के दो विधायकों भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह का निलंबन रद्द कर दिया गया है, जिनपर यह कार्रवाई उनका नाम ऑडियो सामने आने पर आने पर की गयी थी। कांग्रेस विधायक दल की भी आज शाम 5 बजे बैठक है, जिसमें नाराज रहे सचिन पायलट का एक महीने दिन बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सामना होगा।
भाजपा ने गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का जो प्रस्ताव आज विधायक दल की बैठक में पास किया, वह बहुत आश्चर्यजनक है। वह भी तब जब सचिन पायलट दोबारा ‘कांग्रेस के साथ खड़े’ हो चुके हैं, भाजपा का यह नया पैंतरा राजनीतिक हलकों में बहुत दिलचस्पी से देखा जा रहा है। भाजपा का अभी तक यही कहना रहा है कि उसके पास बहुमत नहीं है। वैसे सच यह भी है कि गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों को अभी भी ‘बाड़ेबंदी’ में रखा हुआ है। क्यों, यह अभी समझ से परे है ? क्या गहलोत को अभी भी किसी ‘षड्यंत्र’ का खतरा है?
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी दिल्ली गयी थीं, जबकि आज भी भाजपा के कुछ बड़े नेता अचानक जयपुर पहुंचे हैं। यह घटनाक्रम दिलचस्पी पैदा कर रहा है। विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने आज कहा कि विधानसभा सत्र में वे सब मुद्दे लाएं जाएंगे, जो कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के कारण सरकार के ठप्प हो जाने के कारण इस दौरान उभरे हैं।
आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सामना होगा। करीब 35 दिन बाद। इस मुलाकात होगा, भी कहना कठिन है। क्या इस बैठक में गहलोत समर्थक विधायक पायलट पर हमला करेंगे ? या पायलट समर्थक विधायक सीएम को घेरेंगे ? देखना होगा। कांग्रेस आलाकमान के दूत केसी वेणुगोपाल जयपुर पहुँच चुके हैं। गहलोत समर्थक विधायक अभी भी होटल फेयरमाउंट में ‘बाड़ेबंदी’ में हैं। विधायक दल की बैठक सीएम हाउस में होगी, न कि होटल में।
गहलोत, बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले थे, और उन्हें सचिन पायलट सहित 125 समर्थक विधायकों की सूची भी अपनी तरफ से दी थी। अब शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा का सत्र है। जाहिर है कांग्रेस इसके लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी करेगी। व्हिप के बाद यदि कोई भी विधायक, पार्टी के फैसले के ख़िलाफ जाता है तो उसकी सदस्यता खतरे में पड़ जाएगी।
आज जयपुर में निश्चित ही बहुत कुछ होने वाला है। भाजपा के अचानक सक्रियता ने खेल दिलचस्प किया है, जो सचिन पायलट के वापस कांग्रेस के साथ खड़े होने के बाद एकतरफा समझा जा रहा था। सदन में भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो गहलोत को इसे जीतना ही होगा। अभी तक की चर्चा तो यही है कि गहलोत विश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। यदि गहलोत प्रस्ताव जीत जाते हैं तो अगले छह महीने तक गहलोत की सरकार को दुबारा विश्वास नहीं जीतना होगा।
आज ही 14 अगस्त के विधानभा सत्र से ऐन पहले कांग्रेस के दो विधायकों भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह का निलंबन रद्द कर दिया गया है, जिनपर यह कार्रवाई उनका नाम ऑडियो सामने आने पर की गयी थी। नाराज विधायकों के खिलाफ भी इस दौरान जो मामले बनाये गए थे, वे सब वापस ले लिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आज बसपा इ उन 6 विधायकों को विधानसभा सत्र में शामिल होने की इजाजत दी दी है, जिनके कांग्रेस में विलय को बसपा और भाजपा के एक विधायक ने चुनौती दी हुई है।