मुलायम सिंह यादव और मायावती आज फिर 24 साल बाद मंच पर भाजपा के खिलाफ गठबंधन में एक साथ खड़े नज़र आए और दोनों ने विशाल रैली में देश के सामने खड़ी उन चुनौतियों की चर्चा की जिसके कारण आपसी मतभेद भूल कर दोनों दल देश के हित में साथ आए हैं।
बसपा संस्थापक कांशीराम और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने परस्पर गठबंधन कर कांग्रेस और भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था। कालांतर में दोनों के बीच पनप रहे आन्तरिक मतभेदों के चलते लखनऊ के राज्य अतिथि गृह में सपा के कार्यकर्ताओं ने मायावती पर हमला किया था जिसके कारण दोनों का गठबंधन टूट गया और भाजपा ने समर्थन दे कर मायावती की सरकार बनवा दी। तब से दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तनावपूर्ण खींचतान चली आ रही थी। आज मायवती ने मुलायम सिंह यादव के लिए वोट की अपील कर इस कटुता को देशहित में समाप्त करने का संदेश दिया।
मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी में सपा-बसपा की संयुक्त रैली में कहा कि मायावती हमारे साथ आई हैं और हमारे क्षेत्र में हमारे लिए वोट मांगने आई हैं मैं उनका यह एहसान कभी नहीं भूलूंगा।
उन्होंने कहा कि हम मायावती जी का स्वागत और आदर करते हैं। हमारे सभी कार्यकर्ता मायावती जी का हमेशा सम्मान करें। भावुक हो कर मुलायम सिंह ने अपने मतदाताओं से रुंधे कंठ से कहा, “आख़िरी बार बहुमत से जीता देना ! आप कर कहने पर आख़िरी बार चुनाव लड़ रहा हूँ।”
मुलायम सिंह ने कहा कि, “बहुत दिन बाद मायावती साथ आईं। हमारे लिए मायावती वोट मांगने आई हैं। मायावती ने बुरे वक्त में साथ दिया। चुनाव में भारी बहुमत से जीता देना। पहले से ज्यादा वोटों से जिताना।”
मैं ज्यादा लम्बा भाषण नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि अमीरी और गरीबी की खाई बढ़ी। महिलाओं के साथ शोषण हो रहा। बीजेपी सरकार में शोषण बढ़ा। लोकसभा में सवाल उठाया था। सरकार ने कहा महिलाओं का शोषण नहीं होने देंगे।
उन्होंने लड़खड़ाती आवाज़ में अपील की-“मैनपुरी वालों चुनाव जिता देना। हम आखिरी बार चुनाव लड़ रहे हैं।” उन्होंने पूछा “मैनपुरी वालों चुनाव जिताओगे क्या?” भीड़ ने दोनों हाथ उठा कर भरोसा जताया। उत्साहित मुलायम सिंह बोले ‘चुनाव जिता देना, साथियों को भी जिता देना।’
रैली की मुख्य अतिथि बसपा सुप्रीमो मायावती ने मैनपुरी की जनता से अपील की कि इस बार सपा संरक्षक श्री मुलायम सिंह यादव को भारी बहुमत से जीता कर लोकसभा भेजें। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने समाज के सभी वर्गों को अपने झंडे के तले जोड़ने का काम किया है और उन्होंने यहां विकास के बहुत काम किए हैं।
मैनपुरी की रैली में मायावती ने मोदी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि मोदी नकली पिछड़े वर्ग के है। गुजरात में उनकी जाति पहले अगड़ों में थी जिसे मोदी ने खुद अपने शासनकाल में पिछड़े वर्गों में शामिल करा दिया था। वह पिछड़े वर्ग के नकली नेता हैं जबकि मुलायम सिंह जी ने पिछड़े वर्गों के लिए संघर्ष किया और वह उनके जन्मजात असली नेता हैं मोदी की तरह नकली नहीं। उन्होंने अखिलेश को मुलायम सिंह की राजनीतिक विरासत का एकमात्र उत्तराधिकारी बताया।
मायावती ने कांग्रेस को भी निशाने पर लेते हुए गरीबों को लुभाने की न्याय योजना पर सवाल उठाए और कहा कि ये समस्या का हल नहीं है। असली समस्या रोज़गार की है।
रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मायावती का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा नोटबन्दी और जी.एस. टी. से रोज़गार धंधे चौपट हो गए। छोटे व्यापारी बर्बाद हो गए। किसान बदहाल हैं। नौजवान बेकार घूम रहे हैं।