आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन घोटाला: दीपक कोचर और चंदा कोचर के बाद वीडियोकॉन के पूर्व सीईओ वीएन धूत गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) वीडियोकॉन लोन घोटाला मामले में वीएन धूत को गिरफ्तार किया हैं। इस मामले में मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को आसीआसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को तीन दिन की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कस्टडी में भेज दिया हैं। इन्हें वीडियोकॉन ग्रुप को रेगुलेशन के खिलाफ जाकर करोड़ों रुपए के लिए गए लोन के मामले में गिरफ्तारी किया गया है।

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य दीपक कोचर और चंदा कोचर को सीबीआई ने शुक्रवार को संक्षिप्त पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। और शनिवार को उन्हें मुंबई में विशेष अवकाशकालीन अदालत के न्यायाधीश एस एम मेनजोंगे के समक्ष पेश किया गया जिसके बाद उन्हें सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर ने जब देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाली तो वीडियोकॉन की विभिन्न कंपनियों को 6 लोन स्वीकृत किए गए। आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थी।

वहीं सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि दोनों अपने जवाबों में टालमटोल कर रहे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। सीबीआई के वकील ने बताया कि, “हमने पहले ही दोनों आरोपियों को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस दिया था और 15 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था। उन्होंने आगे बताया कि, वे 4 दिन बाद पेश होंगे और 19 तारीख को भी नहीं आए। वे 23 दिसंबर को आए और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इसलिए हम क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट की आईपीसी की धारा 409 जोड़ना चाहते हैं। स्पैम एविडेंस और केस के डॉक्यूमेंट के साथ उनका सामना करने के लिए हमें दोनों आरोपियों की तीन दिन की हिरासत दी जानी चाहिए।“

आरोप है कि वेणुगोपाल धूत ने वर्ष 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3250 रुपये का कर्ज मिलने के बाद नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया। सीबीआई ने 2019 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ ऋण मंजूर किए थे।

अधिकारियों के अनुसार चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज किया था।