केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत कई बड़े नेताओं की उपस्थिति में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) के ज्यूरी हेड नदाव लैपिड ने गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को अश्लील और प्रोपगेंडा पर आधारित फिल्म करार दिया है। हालांकि, इसपर विवाद होने के बाद अब जूरी बोर्ड ने इसे लैपिड की निजी राय बताते हुए खुद को इससे अलग कर लिया है।
गोवा में चल रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में जूरी हेड नदाव लैपिड ने कहा – ‘द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे। यह फिल्म हमें अश्लील और प्रोपेगेंडा बेस्ड लगी। इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए ये फिल्म उचित नहीं है। मैं आप लोगों के साथ अपनी फीलिंग को खुले तौर पर इसलिए शेयर कर सकता हूं, क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं।’
हालांकि, उनके ब्यान के बाद अनुपम खेर, विवेक अग्निहोत्री, अशोक पंडित जैसे फिल्मकारों ने इस बयान की कड़ी निंदा की थी और इसे अनुचित और कश्मीरी पंडितों की पीड़ा के प्रति असंवेदनशील होना बताया है। लैपिड ने इस फिल्म को लेकर कहा था – ‘समारोह में हमने डेब्यू कॉम्पटीशन में सात फिल्में देखीं और इंटरनेशनल कॉम्पटीशन में 15 फिल्में देखीं। इसमें से 14 फिल्म सिनेमैटिक फीचर्स वाली थीं और 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी को परेशान और हैरान करने वाली थी।’
याद रहे भारत में भी इस फिल्म के निर्माण के बाद कई विवाद खड़े हुए थे। इसकी पटकथा को लेकर भी सवाल उठाये गए थे। विवेक अग्निहोत्री की लिखी और निर्देशित की यह फिल्म 90 के दशक में कश्मीर घाटी में उग्रवाद के कारण घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है।
अब मंगलवार को जुड़ी बोर्ड ने लैपिड के ब्यान से खुद को अलग कर लिया है। जूरी ने इसे पूरी तरह से उनका निजी बयान बताया। याद रहे लैपिड इजराइली फिल्म निर्माता और जूरी हेड हैं। उन्होंने द कश्मीर फाइल्स को अश्लील और प्रोपगेंडा पर आधारित फिल्म करार दिया था। इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी इसपर खेद जताया है। उन्होंने कहा – ‘मुझे आपके बयान पर शर्म आती है।’