गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुवाहाटी के एक छात्र को सहपाठी से दुष्कर्म के आरोप में जमानत प्रदान कर दी। अदालत ने कहा कि दोनों ही देश के भविष्य की संपत्ति हैं।
आरोपी बीटेक छात्र की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजीत बोरठाकुर ने कहा कि सभी सबूतों के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रथमदृष्टया स्पष्ट मामला लगता है। हालांकि, जैसा कि मामले में जांच पूरी हो गई है और मुखबिर व पीड़िता और आरोपी दोनों ही देश के भविष्य की संपत्ति हैं। आदेश में कहा गया कि आईआईटी, गुवाहाटी में तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रतिभाशाली छात्र आते हैं।
अदालत ने 13 अगस्त को अपने आदेश में कहा कि दोनों युवा हैं और इनकी उम्र 19 से 21 वर्ष के के बीच है। दोनों ही अलग-अलग राज्यों से हैं। फैसले में कहा गया कि चार्जशीट के आधार पर गवाहों की सूची का भी अवलोकन किया गया। इसके बाद अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया और कहा कि ऐसी कोई संभावना नहीं है कि वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। हाईकोर्टने आरोपी को दो जमानतों के साथ 30 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।
अदालत ने आदेश में कहा कि यह उल्लेख करना सही है कि यह न्यायिक रूप से अच्छी तरह से तय हो गया है कि जमानत आवेदन से निपटने के दौरान, अदालत को आरोपी के खिलाफ उपलब्ध सबूतों के गुण या दोषों पर चर्चा करने के लिए नहीं कहा जाता है। लेकिन जमानत दिए जाने के दौरान प्रथमदृष्टया कुछ वजहों को संक्षेप में बताना जरूरी होता है।
आरोप हैकि 28 मार्च की रात को सहपाठी ने युवती के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया था, जिसे अगले दिन बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोपी को 3 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।