दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस बढ़ाए जाने के खिलाफ छात्रों का आंदोलन अभी जारी है। मंगलवार को जेएनयू छात्र संघ ने सीधे-सीधे सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वह झुकने वाले नहीं हैं। संघ ने कहा कि जब तक सरकार बढ़ाई फीस पूरी तरह वापस नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही ऐलान किया है कि यदि ज़रुरत पड़ी तो बार-बार संसद घेरने की कोशिश की जाएगी।
जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने मंगलवार को ऐलान किया – ”अगर बार-बार संसद घेरने की जरूरत हुई तो वो भी करेंगे। हम पिछले २३ दिन से मांग कर रहे हैं लेकिन कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है।” आज छात्र संघ ने बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस भी की जिसमें आंदोलन जारी रखने की बात कही गयी है।
छात्रों ने कहा – ”हम पिछले २३ दिन से मांग कर रहे हैं लेकिन कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है। दिल्ली पुलिस ने जो लाठीचार्ज किया गया, वह बर्बरता है।” कई छात्र जो घायल हैं, वह प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा नहीं बन पाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक छात्रा ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के पुरुष जवान छात्राओं को पकड़ रहे थे, जो कि पूरी तरह गलत है।
इन छात्रों का कहना है कि हमारी बात कोई नहीं सुन रहा था, इसलिए हमने संसद सत्र के पहले दिन को चुना ताकि हम अपनी आवाज पहुंचा सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रालय की ओर से जिस कमेटी का गठन किया गया, उसने छात्रों से मिलने से इनकार कर दिया। याद रहे छात्रों के सोमवार के प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। सोमवार को धारा १४४ के बावजूद सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतरे थे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई छात्र घायल भी हो गए थे। कानून का उल्लंघन करने के आरोप में किशनगढ़ थाने में ये मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया कि जिस बस में उन्हें पुलिस पकड़ कर ले गई, वो सीधा पुलिस स्टेशन नहीं ले गए बल्कि यूं ही घुमाते रहे। जब वीसी हमसे बात के लिए तैयार नहीं, तो हम अपना प्रदर्शन क्यों रोकें। वीसी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए, पुलिस के दमपर हम डरने वाले नहीं हैं और अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।”