डॉ. देवश्लोक शर्मा*
आजकल प्राय: अधिकतर को देखो, वे आँख के लालीपन लिये घूमते नज़र आएँगे और दूसरों को ये रोग बाँटते फिरते रहेंगे। दरअसल यह कंजंक्टिवाइटिस रोग है। अभी मौसम में बदलाव एवं गरम को छोड़ ठंडे की ओर बढऩा ही आपस में वायरस द्वारा संक्रमित होने का मुख्य कारण पाया जा रहा है। हम इस लेख में आँख आने के कारणों को जानेंगे। साथ ही यह भी कि इससे हम कैसे बच सकेंगे? इस रोग में आँखों का सफ़ेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है। इसलिए इसे ‘पिंक आई’ भी कहा जाता है।
वैसे तो कंजंक्टिवाइटिस कई तरह के होते हैं। जैसे- एक्यूट या क्रोनिक, वायरल कंजंक्टिवाइटिस, बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस, एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस, रसायनों का एक्सपोज़र, नवजात शिशुओं में टियर डक्ट के (अश्रु नलिका) बन्द होने के कारण कंजंक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है। यह एक अत्यंत संक्रामक स्थिति है, इसलिए इसका तुरन्त उपचार ज़रूरी है।
किसको हो सकता है?
किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आना, जिसे वायरल या बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस है।
किसी ऐसी चीज़ के सम्पर्क में आना, जिससे आपको एलर्जी (एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस) है।
रसायनों का एक्सपोज़र; जैसे- स्विमिंग पूल के पानी में मौज़ूद क्लोरीन के सम्पर्क में आना।
कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करना; विशेषकर लगातार उन्हें लम्बे समय तक लगाये रखना।
संक्रमण कैसे रोकें?
कंजंक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए सा$फ-स$फाई रखना सबसे ज़रूरी है। इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें :-
अपनी आँखों को अपने हाथ से न छुएँ।
जब भी ज़रूरी हो अपने हाथों को धोएँ।
अपनी निजी चीज़ों, जैसे- तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आँखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
अपने रूमाल, तकियों के कवर, तौलिया आदि चीज़ों को रोज़ धोएँ।
होम्योपैथिक दवा
रोज़ सुबह शाम बेलाडोना 200 की $खुराक दिन में दो बार एक सप्ताह तक लेने से आप बच सकते हैं। और अगर आपको संक्रमण हो गया है, तो यूफ्रेसिया 200 की दिन में तीन बार चार-चार गोली ठीक होने तक लेते रहें। दवा के साथ आप अगर यूफ्रेसिया ड्रॉप दिन में दो बार डालने से आपको जल्दी फायदा दिखेगा। दवा चिकित्सक के सलाह पर ही लें।
* डायरेक्टर, जेडीएस होम्योपैथिक
हॉस्पिटल, झारसुगुडा
लक्षण
कंजंक्टिवाइटिस बड़ा असुविधाजनक हो सकता है। लेकिन बहुत-ही दुर्लभ मामलों में इससे दृष्टि प्रभावित होती है।
यह का$फी संक्रामक होता है, और बहुत तेज़ी से दूसरे लोगों में भी फैल सकता है। इसलिए ये लक्षण दिखें, तो सतर्क हो जाएँ।
इस रोग में एक आँख या दोनों ही आँखें लाल या गुलाबी दिखायी देने लगती हैं।
एक आँख या दोनों आँखों में जलन या खुजली होना।
आसामान्य रूप से अधिक आँसू निकलना।
आँखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना।
आँखों में किरकिरी महसूस होना।
आँखों में सूजन आ जाना।
(ये लक्षण आमतौर पर एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस के कारण दिखायी देते हैं।)