महाराष्ट्र में सरकार के गठन की कोशिशों के बीच दिल्ली में बुधवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर नए कयास शुरू हो गए हैं। उधर शिव सेना नेता संजय राउत ने मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के है।
दिल्ली में पटेल ने गडकरी से मुलाकात के बाद कहा कि वे बढ़ते हादसों और किसानों के मसले को लेकर गडकरी से मिले हैं और महाराष्ट्र की राजनीति पर उनकी कोइ बात नहीं हुई लेकिन इस मुलाकात को महाराष्ट्र में सरकार से गठन से जोड़कर देखा जा रहा था। भले पटेल ने इससे इंकार किया है और कहा कि मुलाकात में उन्होंने ”महाराष्ट्र का एम भी डिस्कस नहीं किया”।
पटेल ने मुलाकात के बाद कहा – ”मैंने किसानों के मसले पर गडकरी से मुलाकात की है, यह न तो राजनीतिक और न ही महाराष्ट्र पर मुलाकात थी।” यह दिलचस्प है कि कल ही शिवसेना के एक नेता ने कहा था कि नितिन गडकरी ही भाजपा-शिवसेना के बीच फंसे पेंच का सुलझा सकते हैं।
इस बीच महाराष्ट्रमें राष्ट्रपति शासन लगाने की चर्चा भी शुरू हो गयी है क्योंकि ९ नवम्बर से पहले सरकार का गठन ज़रूरी होगा। यदि कोइ रास्ता नहीं निकलता है तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। शिव सेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अगर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूर पड़ती है तो ये जनता के साथ अन्याय होगा। ”महाराष्ट्र अगर राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ रहा है उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी और ”कोइ राह” निकलने का आग्रह किया था। इस बीच शिव सेना नेता संजय राउत ने बुधवार को मुम्बई में एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात की जो ”देखो और इन्तजार करो ” की नीति पर चलते दिख रहे हैं।