आखिर में नागरिकता की दुसरी सूची सोमवार को जारी कर दी गयी। इसके मुताबिक एक बड़ी आबादी के पास भारत की नागरिकता नहीं है। असम की कुल आबादी 3.29 करोड़ है और सोमवार को असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की दूसरी और आखिरी सूची में 2.89 करोड़ लोगों की पहचान भारतीय के रूप में की गई है जबकि 40 लाख लोगों को असम का नागरिक नहीं माना गया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि यह सारा प्रोसेस सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हुआ है लिहाजा इसमें किसी तरह की गड़बड़ की आशंका निर्मूल है। बहुत से लोगों ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार में कुछ के नाम हैं कुछ के नहीं।
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की दुसरी और अंतिम सूची सोमवार जारी कर दिया गया। इसे आॅनलाइन और राज्य के तमाम एनआरसी सेवा केन्द्रों (एनएसके) में सुबह दस बजे प्रकाशित कर दिया गया जिसमें उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम, पते और फोटो होंगे जो 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं। हालाँकि जो सूची आज जारी की गयी हैं उसमें संशोधन का अवसर अभी लोगों के पास होगा। इसके अलावा अंतिम उपाए के रूप में कोर्टका विकल्प भी उनके पास होगा।
राज्य में सुरक्षा कड़ी करते हुए तमाम डीसी और एसपी को कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश सरकार ने दिए हैं। सात जिलों- बारपेटा, दरांग, दीमा, हसाओ, सोनितपुर, करीमगंज, गोलाघाट और धुबरी में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक असम और पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिये केन्द्र सरकार ने सीआरपीएफ की 220 कंपनियां भेजी हैं।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि जिनके नाम सूची में नहीं हैं उनके पास दावों की पर्याप्त गुंजाइश होगी। उन्होंने कहा – ” यदि वास्तविक नागरिकों के नाम दस्तावेज में मौजूद नहीं हों तो उन्हें (महिला/पुरूष) संबंधित सेवा केन्द्रों में निर्दिष्ट फॉर्म को भरना होगा । यह फॉर्म 7 अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे और अधिकारियों को उन्हें इसका कारण बताना होगा कि मसौदा में उनके नाम क्यों छूटे। इसके बाद अगले कदम के तहत उन्हें अपने दावे को दर्ज कराने के लिये अन्य निर्दिष्ट फॉर्म भरना होगा, जो 30 अगस्त से 28 सितंबर तक उपलब्ध रहेगा। आवेदक अपने नामों को निर्दिष्ट एनआरसी सेवा केन्द्र जाकर 30 जुलाई से 28 सितंबर तक सभी वर्किंग दिनों में सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक देख सकते हैं।
गौरतलब है कि कुछ दशक से बांग्लादेश से लाखों लोगों के अवैध घुसपैठ का दावा किया जाता रहा है। एनआरसी की पहली सूची 31 दिसंबर, 2017 को जारी हुई थी। पहली लिस्ट में असम की 3.29 करोड़ आबादी में से 1.90 करोड लोगों को शामिल किया गया था। अब 1.40 करोड़ लोगों को दूसरी सूची जारी की गयी है।