असम के बाद अब बिहार में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। बिहार में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। राज्य के 10 जिलों में 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इस बीच, बिहार मेंअलग अलग जगहों पर 10 लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
राज्य आपदा नियंत्रण विभाग के मुताबिक, गोपालगंज जिले में मांझा ब्लॉक के पुरैया गांव, सारण जिले के बरौली ब्लॉक के देवापुर गांव और पूर्वी चंपारण जिले के भवानीपुर गांव में गंडक नदी के तटबंध टूट गए जिससे कई गांवों में पानी भर गया। बाढ़ के चलते दरभंगा और समस्तीपुर के बीच ट्रेन सेवा ठप है। रेलवे ने दरभंगा दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर या सीतामढ़ी नरकटियागंज होकर चलाने का फैसला लिया है।
तटबंध टूटने से गोपालगंज जिले के 45 गांवों के 50 हजार लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं। प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करने के लिए हेलिकॉप्टरों की मदद मांगी है। वाल्मीकि बैराज से 4,36,500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी में बाढ़ आई है।
राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 22 और एसडीआरएफ की आठ टीमों को तैनात किया है। ये टीमें अब तक करीब 93,891 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बचा चुकी हैं। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, श्योहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और खगड़िया जिले बाढ़ की चपेट में हैं। गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कंलाबालन, लालबकेया, अध्वरा, खिरोई और महानंदा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
पानी के सैलाब से असम में 130 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य में 70 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं। पीएम नरेंद्र मोदी भी बाढ़ प्रभावित राज्यों के सीएम से बात कर चुके हैं। इस बीच, हालत में खास सुधार नहीं देखने को मिला है। कई प्रदेशों में आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।