भले हरियाणा में कांग्रेस की राजनीति के चलते अशोक तंवर प्रदेश अध्यक्ष पद और पार्टी से इस्तीफा दे चुके हों और यह भी कह चुके हों कि वे अन्य दल के लिए प्रचार कर सकते हैं, उनकी पत्नी अवंतिका तंवर ने ऐलान किया है कि वे कांग्रेस में ही रहेंगी और गांधी परिवार की हमेशा ऋणी रहेंगी।
अवंतिका ने गुरूवार को कहा कि वह कांग्रेस में ही रहेंगी, क्योंकि वह कभी कांग्रेस नहीं छोड़ सकतीं। अवंतिका ने कहा – ”मैं कांग्रेस उम्मीदवार को ही वोट दूंगी। मैं गांधी परिवार की सारी उम्र ऋणी रहूंगी और मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगी। मेरे घर पर आज भी राहुल गांधी और सोनिया गांधी के होर्डिंग्स लगे हैं और उनको कभी नहीं हटाऊंगी।”
बता दें अवंतिका राजनीतिक परिवार में जमी-पलीं। वे ललित और गीतांजलि माकन की बेटी हैं जिनकी अतिवादियों ने हत्या कर दी थी जब वे सिर्फ छह साल की थीं। वे पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की नाती हैं और बाद के तमाम साल वे नाना-नानी (शंकरदयाल शर्मा परिवार) के साथ ही रहीं।
बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि अवंतिका ने अपने माता-पिता के हत्यारे रणजीत सिंह गिल (कुक्की) को यह कहकर माफ़ कर दिया था कि उनके माता-पिता तो अब लौट नहीं सकते, किसी और के परिवार के बेटे की जान क्यों जाए। उन्होंने कुक्की की मर्सी पिटीशन पर हस्ताक्षर किये जिससे कुक्की की फांसी की सजा माफ़ हो गयी। कुक्की आज ब्लॉगर हैं और लुधियाना में खेलों से जुड़े हैं।
अवंतिका ने आज कहा कि उनके पति अशोक तंवर का भले जो फैसला है, वे खुद कांग्रेस में रहेंगी। अवंतिका के मुताबिक अशोकजी और मैं दोनों गांधी परिवार के जिंदगी भर ऋणी रहेंगे। ”मैं कांग्रेस नहीं गांधी परिवार का स्पोर्ट करती हूं। तीन पीढ़ियों से हम गांधी परिवार से जुड़े हैं। सब जानते हैं अशोक जी को किन कारणों से अपना फैसला लेना पड़ा।”
यह चर्चा रही है कि राहुल गांधी के समर्थक अशोक तंवर ने सूबे की स्थानीय राजनीति से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ी है। खुद अवंतिका का कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अब पार्टी नहीं रही, बाप-बेटे की दुकान हो गई है। अशोक को पूर्व सीएम भूपेंदर सिंह हुड्डा का विरोधी माना जाता है और उन्हें और सैलजा को प्रदेश कांग्रेस की कमान मिलने के बाद ही अशोक तंवर ने कांग्रेस से बाहर जाने का फैसला किया था।