उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कड़े निर्णयों के लिए चर्चा में बने रहते हैं। योगी सरकार दो के बनते ही वो बुलडोज़र नीति के लिए चर्चा में रहे वहीं अब कथित रूप से अवैध मदरसों पर कार्रवाई के लिए चर्चा में हैं। देखने वाली बात है कि योगी सरकार ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के उत्सव में मदरसों को भी आदेश जारी किया था कि सभी मदरसों में 15 अगस्त को हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा लहराने एवं राष्ट्रगान गाने समेत दूसरे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी करनी होगी। मगर अब उन्हीं मदरसों का सर्वे कराया जा रहा है। जानकार कह रहे हैं कि योगी सरकार द्वारा वैध मदरसों और अवैध मदरसों की जाँच की जा रही है। इस जाँच में जो भी अवैध मदरसे पाये जाएँगे, उन पर योगी बाबा का बुलडोज़र चलेगा।
कुल मिलाकर प्रदेश में मदरसों के सर्वे का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। सर्वे के कार्य में एसडीएम, बीएसए और डीएमओ कर रहे हैं। मदरसों की भूमि की वैधता एवं अवैधता का ब्योरा लेखपालों से माँगा जा रहा है। सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा इन अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे इसी वर्ष 15 अक्टूबर तक सर्वे कार्य पूरा करके 25 अक्टूबर तक सरकार को रिपोर्ट उपलब्ध कराएँ। सूत्र बताते हैं कि अवैध अर्थात् ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कुल 12 बिन्दुओं पर हो रहा है, जिसके लिए एक फार्म भरा जाएगा। इसमें मदरसे का नाम, मदरसे को संचालित करने वाली संस्था का नाम, मदरसे का स्थापना वर्ष, मदरसे की स्थिति का विवरण, मदरसे के भवन के उपयोग एवं उसमें छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं का विवरण, मदरसे में पढऩे वालों की संख्या का विवरण, मदरसे में कुल शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम का विवरण, मदरसे की आय के स्रोत का विवरण, मदरसों में पढऩे वाले छात्र-छात्राएँ दूसरी जगह पढ़ते हैं अथवा नहीं, मदरसे निजी संस्था या समूह से सम्बद्ध हैं या नहीं एवं उल्लिखित बिन्दुओं पर मदरसा संचालकों की ओर से उपलब्ध करायी गयी जानकारी पर उनकी टिप्पणी। एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा कि सरकार ने अवैध मदरसों की जाँच आरम्भ कर दी है, शीघ्र ही उन पर कार्रवाई होगी और अवैध मदरसा संचालकों की मुश्किल बढ़ेगी। क्योंकि मदरसों में बच्चों में कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इधर मदरसों के सर्वे को लेकर मुसलमानों में रोष है। मगर मुस्लिम नेताओं और कुछ लोगों को छोडक़र कोई भी मुस्लिम इस पर बातचीत नहीं कर रहा है। एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी कह रहे हैं कि मदरसे संविधान के अनुच्छेद-30 के अनुसार स्थापित हैं, तो उत्तर प्रदेश सरकार सर्वेक्षण क्यों करा रही है? वहीं एक मुस्लिम नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ मुसलमानों से दुश्मनी निकाल रहे हैं, जिसका असर यह हो रहा है समस्त प्रदेश के मुस्लिम डरे हुए हैं। केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। केंद्र सरकार भी मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है। अब उत्तर प्रदेश में मदरसों पर असम की तरह बुलडोज़र चलवाया जाएगा। मगर इससे मुसलमान क़ुरान पढऩा नहीं छोड़ देंगे। योगी आदित्यनाथ नहीं जानते कि मुसलान अपने बच्चों को सबसे पहले क़ुरआन ही पढ़ाता है।
विदित हो कि प्रदेश में कुल 16,500 मदरसे सरकार से मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से 560 मदरसों को सरकारी लाभ मिल रहा है तथा इनमें पढ़ाने वाले अध्यापकों को सरकार वेतन देती है। सूत्र बताते हैं कि इतने पर भी प्रदेश में हज़ारों मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इन मदरसों के नियम, पाठ्यक्रम आदि को भी सार्वजनिक नहीं किया जाता है, जो कि अति आवश्यक है। देखना होगा कि क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मदरसों के मामले में क्या कार्रवाई करते हैं? सूत्र बताते हैं कि सरकार प्रदेश में वैध एवं विद्यालयों के अनुरूप मान्यता प्राप्त शैक्षणिक योग्यता प्रदान करने वाले मदरसों को चलने देगी, अन्य सभी को बन्द किया जाएगा।