दिल्ली-एनसीआर में सरकारी और बिल्डरों द्वारा बने फ्लैटों को अभी तक अलॉटी की भी हो सुनवाई को आंबटित नहीं किये जाने से लोगों में भारी रोष है। तहलका संवाददाता को उन लोगों ने बताया कि जो अपनी किस्तें तो जमा कर चुके है। पर उनको अभी तक फ्लैट आंवटित नहीं किये गये है। जिससे उनको अब अपने ही घर में रहने में दिकक्त हो रही है।
नोएड़ा में म्यू-1और म्यू -2 में 2013 में जिन लोगों को नोएड़ा अथाँरिटी के फ्लैट आंवटित किये गये थे।जिसमें से ज्यादात्तर लोगों ने अपने पैसा यानि की किस्तें भी जमा कर दी है। फिर भी अभी उन फ्लैटों में अभी मूल- भूत सुविधायें तक नहीं है। जिसके कारण लोगों अपने ही फ्लैटों में नहीं रह पा रहे है। जबकि ये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनवायें गये है। यहां के निवासी सुन्दर दास का कहना है कि यहां की समस्या को लेकर अथाँरिटी में जाते है तो सुनवाई नहीं होती है। यहीं हाल नामी- गिरामी बिल्डरों का है। जो फ्लैटों का पैसा तो लें चुके है। लेकिन पजेशन देने के नाम पर आना –कानी कर रहे है।
पुरूषोत्तम दास ने बताया कि नोएड़ा में नामी –गिरामी बिल्डर अपने ही अलॉटी की भी हो सुनवाई को किसी ना किसी बहाने से पजेशन देने में आना कानी कर रहे है। इस समय बिल्डरों का कहना है कि कोरोना काल में मजदूरों के ना होने से और काम में घाटा होने से एलाँटी को उनको पजेशन नहीं दें पा रहे है।जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। लेकिन जल्द से जल्द इस मामले में काम को पूरा किया जायेगा।
बताते चलें, कोरोना काल प्राइवेट कर्मचारियों की नौकरी या तो छूट गयी है। या कम्पनी बंद होने से उनके नौकरी चली गयी है।जिसके कारण कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।ऐसे में इन कर्मचारियों को ईएमआई तक भरने में दिक्कत हो रही है।
इस बारे में लोगों का कहना है कि सरकार को ही कोई पहल करनी होगी ताकि इस बारे सुनवाई हो सकें। जिससे लोगों की समस्या का समादान हो सकें।