प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ”मन की बात” में कहा कि देश में अब अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा चल पड़ा है, खुल गया है। ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। मोदी ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन पर, हमारी लैब्स में जो काम हो रहा है उस पर तो दुनियाभर की नजर है और हम सबकी आशा भी।
अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि जब उन्होंने पिछली बार जनता से ”मन की बात” की थी, तब यात्री ट्रेनें बंद थीं, बसें बंद थीं, हवाई सेवा बंद थी। इस बार, बहुत कुछ खुल चुका है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं, अन्य स्पेशल ट्रेनें भी शुरू हो गई हैं। तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी, अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है। ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
पीएम ने कहा – ”देश में, सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है। हमारी जनसंख्या ज्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला। आपने देखा होगा, कि दूसरों की सेवा में लगे व्यक्ति के जीवन में, कोई डिप्रेशन या तनाव, कभी नहीं दिखता। उसके जीवन में, जीवन को लेकर उसके नजरिए में, भरपूर आत्मविश्वास, सकारात्मकता और जीवंतता प्रतिपल नजर आती है।”
मोदी ने कहा कि हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी, ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है। सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है। इसमें उन्होंने तमिलनाडु के सी मोहन का जिक्र किया। कहा कई दुकानदारों ने दो गज की दूरी के लिए दुकान में बड़े पाइपलाइन लगा लिए हैं। पढ़ाई के क्षेत्र में भी कई अलग-अलग इनोवेशन शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर किए हैं। ऑनलाइन क्लासिज, वीडियो क्लासिज, उसको भी, अलग-अलग तरीकों से इनोवेट किया जा रहा है।
पीएम ने कहा कि रेलवे के साथी दिन-रात लगे हुए हैं। केंद्र, राज्य, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं- दिन-रात मेहनत कर रहें हैं। जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं। लाखों श्रमिकों को, ट्रेनों, बसों से सुरक्षित ले जाना, उनके खाने-पाने की चिंता करना, हर जिले में क्वारंटीन केंद्रों की व्यवस्था, सभी की टेस्टिंग, चेकअप, उपचार की व्यवस्था, ये सब काम लगातार चल रहे हैं और बड़ी मात्रा में चल रहे हैं।
एक महत्वपूर्ण बात जो मोदी वह यह कि ”कोरोना की वैक्सीन पर, हमारी लैब्स में जो काम हो रहा है उस पर तो दुनियाभर की नजर है और हम सबकी आशा भी। किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है”।
उन्होंने कहा कि कोरोना एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है। पहले का अनुभव नहीं है। ऐसे में नई चुनौतियां, परेशानियां हम अनुभव कर रहें हैं। ये दुनिया के हर देश में हो रहा है इसलिए भारत भी इससे अछूता नहीं है।
केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं, उससे गांवों में रोजगार, स्वरोजगार, लघु उद्योगों से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं। अगर, हमारे गांव, कस्बे, जिले, राज्य, आत्मनिर्भर होते, तो अनेक समस्याओं ने, वो रूप नहीं लिया होता, जिस रूप में वो आज हमारे सामने हैं। मुझे पूरा भरोसा है आत्मनिर्भर भारत अभियान, इस दशक में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
पीएम ने कहा – ”एक तरफ हम महामारी से लड़ रहें हैं, तो दूसरी तरफ हमें हाल में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ हफ्तों के दौरान हमने पश्चिम बंगाल, ओडिशा में चक्रवात अम्फान का कहर देखा। हालात का जायजा लेने के लिए मैं पिछले हफ्ते ओडिशा, पश्चिम बंगाल गया था। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोगों ने जिस हिम्मत और बहादुरी के साथ हालात का सामना किया है”।
मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पिछले कुछ हफ़्तों में जीवन की रफ्तार ”थोड़ी धीमी” जरुर हुई है लेकिन इससे हमें अपने आसपास, प्रकृति की समृद्ध जैव-विविधता को देखने का अवसर भी मिला है I सालों बाद पक्षी की आवाज़ को लोग अपने घरों में सुन रहे हैं।