लोकसभा चुनाव २०१९ से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा फिर गर्म है और राम लला की नगरी में तेज हलचल है। शिव सेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं जहाँ वे पार्टी
के राम मंदिर निर्माण को लेकर अभियान में हिस्सा लेंगे।
कहा जा रहा है कि मर्यादा पुरषोतम की नगरी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गयी है और किसी आशंका के चलते लोगों ने अगले कुछ दिन का राशन और ज़रूरी सामान घरों में भर कर रख लिया है। यह भी कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय में भय का माहौल है। हालाँकि अयोध्या के डीएम ने कहा है कि वहां शांति है और भय जैसे माहौल वाली कोइ बात नहीं है।
अयोध्या में किसी तरह की हिंसा आदि न हो, इसके लिए बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। शहर की सुरक्षा जिम्मेदारी एडीजीपी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है। इसके अलावा तीन एसएसपी, १० एएसपी, २१ डीएसपी, १६० इंस्पेक्टर, ७०० कॉन्स्टेबल, ४२ पीएसी कंपनियां, ५ आरएएफ कंपनियों के अलावा एटीएस के कमांडो तैनात किये गए हैं। इसके साथ ही ड्रोन कैमरों से इलाके ही हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
शिवसेना का आज राम मंदिर को लेकर मोदी सरकार पर दवाब बनाने के इरादे से कार्यक्रम है, जिसमें पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे कुछ देर में पहुंचने वाले हैं। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हजारों शिवसैनिक ट्रेन और अन्य साधनों से अयोध्या पहुंचे हैं। कल तीन विशेष ट्रेन में वे यहाँ आये हैं।
उधर २५ नवंबर को विश्व हिंदू परिषद की ओर से भी धर्मसभा का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में करीब एक लाख संतों के पहुंचने की संभावना है। इन तमाम कार्यक्रमों के मद्देनजर अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
लोगों ने शुक्रवार को ही घर के सभी जरूरी सामानों का स्टॉक कर लिया है। उन्होंने राशन, फल, सब्जी और दवाओं का स्टॉक कर लिया है। हर कोई अपने-अपने घरों में सुरक्षित हो चुका है। कई लोगों को इस बात का डर है कि कहीं ६ दिसंबर,१९९२ जैसी घटना फिर से न हो जाए।
गौरतलब है कि राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और कोर्ट ने जनवरी में इसकी सुनवाई की तारीख तय की हुई है। लेकिन भाजपा सहित तमाम नेता बिना हिचक अपनी बात कहकर मंदिर माहौल को गर्माने में लगे हैं। भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने गुरुवार को कहा था कि जरूरत पड़ने पर उस दिन ”संविधान ताक पर रखकर १९९२ का इतिहास दोहराया जाएगा”। उधर वरिष्ठ शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा कि वह राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश में लाने में देरी क्यों कर रही है ? राउत ने कहा कि ”बाबरी मस्जिद १७ मिनट में गिरा दी गई थी। जो जरूरी था वह राम भक्तों ने आधे घंटे में कर दिया था। सालों से धब्बा रही चीज गिरा दी गई। दस्तावेज तैयार करने और अध्यादेश लाने में कितना वक्त लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक भाजपा की सरकार है।”