अम्फान चक्रवात ने बंगाल में जबरदस्त तबाही मचाई है। अब तक वहां इस तूफ़ान से १२ लोगों की मौत हो गयी है। सूबे में हजारों की संख्या में मकान ढह गए हैं जबकि बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित जगह पहुँचाया गया है। राज्य सरकार ने पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
चक्रवात का असर सूबे की राजधानी कोलकाता में दिखा है। राज्य के निचले इलाकों में पानी भर गया है। अधिकारियों के मुताबिक चक्रवाती तूफान के कारण जान-माल को हुए नुकसान का अनुमान लगाना अभी संभव नहीं है, क्योंकि जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक तबाही मची है, उनमें अब भी जाना संभव नहीं है। कोलकाता सहित उत्तर २४ परगना और दक्षिण २४ परगना में लंबे समय तक बिजली आपूर्ति ठप रही। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हुई हैं। सुंदरवन डेल्टा के तटबंध इस चक्रवात के कारण टूट गए।
भारी बारिश और १९० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ अम्फान बुधवार दोपहर पश्चिम बंगाल के दीघा तट पर पहुँच गया। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और तूफान आया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य सचिवालय से मंगलवार रात से हालात पर नजर रख रही हैं। उन्होंने कहा कि अम्फान का प्रभाव कोरोना वायरस से भी भीषण है।
पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण २४ परगना जिलो में चक्रवात के कारण भारी बारिश और तूफान आने से खपरैल वाले मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए, पेड़ और बिजली के खम्भे उखड़ गए हैं। निचले शहरों और गांवों में पानी भर गया है। कोलकाता में १२५ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं ने कारों को पलट दिया और पेड़ और खम्भे उखड़कर गिर जाने से कई अहम रास्ते बाधित हो गए।
उत्तर २४ परगना जिले में एक पुरुष और एक महिला के ऊपर पेड़ गिर जाने से उनकी मौत हो गई। इसके अलावा हावड़ा में भी इसी प्रकार की घटना में १३ वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। करंट लगने के कारण हुगली और उत्तर २४ परगना जिलों में तीन लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता के रीजेंट उद्यान क्षेत्र में एक महिला और उसके सात वर्षीय बेटे पर पेड़ गिर जाने से उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि तूफान के कारण उड़कर आई किसी वस्तु के टकरा जाने से कोलकाता में एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई।