कुछ महीने पहले पाकिस्तान और उसके बाद पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की यात्रा करने वाली अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान अब्दुल्ला उमर ने अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश करके भारत को धार्मिक स्वतंत्रता के ‘उल्लंघन’ के लिए ‘विशेष रूप से चिंता वाला देश’ घोषित करने की मांग की है। मंगलवार को पेश इस प्रस्ताव को अब आवश्यक कार्रवाई के लिए सदन की विदेश मामलों की समिति को भेजा गया है। याद रहे हाल में धार्मिक स्वतंत्रता पर आई अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था, जिसमें भारत को लेकर सवाल उठाए गए थे।
इल्हान उमर को भारत विरोधी तेवर रखने वाली सांसद माना जाता है। उनके प्रस्ताव को सांसद रशीदा तालिब और जुआन वर्गास ने सह-प्रायोजित किया है। इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की सिफारिशों को लागू करने का आग्रह किया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह प्रस्ताव खारिज होने की संभावना है।
उमर के प्रस्ताव में भारत में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की निंदा की गयी है। और दावा किया गया है कि वहां मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, आदिवासियों और अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को ‘लक्षित’ किया जा रहा है। प्रस्ताव में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ ‘खराब सलूक’ का आरोप लगाते हुए इस पर ‘गंभीर चिंता’ जताई गई है।
यहाँ यह बताना दिलचस्प होगा कि इल्हान अप्रैल में पाकिस्तान गयी थीं और तब के प्रधान मंत्री इमरान खान और अन्य शीर्ष नेताओं से मिलीं थीं। यही नहीं इसके तुरंत बाद इल्हान पीओके भी गई थीं। उनकी इस यात्रा का क्या मकसद था, यह आज तक साफ़ नहीं हुआ। भारत ने उनकी इस यात्रा पर सवाल उठाया था।