अमेरिका ने स्वीकार किया है कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में उसकी तरफ से अगस्त में किए गए ड्रोन हमले में 10 लोग मारे गए थे और वे सभी आम नागरिक थे। पेंटागन के इस ब्यान से साफ़ हो गया है कि इस ड्रोन हमले में कोई इस्लामिक स्टेट चरमपंथी नहीं मारा गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने स्वीकार किया है कि मरने वाले सभी लोग आम नागरिक थे। उन्होंने जान गंवाने वालों के प्रति अफ़सोस का भी इजहार किया।
उधर एपी की इसी तरह की एक रिपोर्ट में एक अनाम अफगानी अधिकारी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हमले में तीन बच्चों की मौत हुई है। सीएनएन की रिपोर्ट के बाद अमेरिका ने कहा है कि वह जांच कर रहा है कि हमले में नागरिकों की मौत हुई या नहीं और अगर ऐसा हुआ तो ये बेहद दुखद होगा।
याद रहे यह हमला अमेरिका के काबुल से जाने से दो दिन पहले 29 अगस्त को हुआ था। उस समय पेंटागन अधिकारियों ने दावा किया था कि यह सटीक हमला था और इसमें वे चरमपंथी मारे गए थे जो उसके निशाने पर थे। तब अमेरिका ने दावा करते हुए कहा था कि उसने आईएसआईएस के आत्मघाती कार बॉम्बर पर हमला किया जो काबुल एयरपोर्ट पर हमले की तैयारी में था।
अब पेंटागन ने अपने ब्यान को बदलते हुए कहा है कि इस 10 लोगों की मौत हुई थी और यह सभी आम नागरिक थे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान के आत्मघाती बम हमलावर के नाम पर किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले में 6 बच्चों समेत 10 आम नागरिकों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ये सभी 10 लोग एक ही परिवार के सदस्य थे।