पिछले लोक सभा चुनाव में पीएम मोदी दो जगह से चुनाव लड़े थे और इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी दो जगह अमेठी और केरल के वायनाड से लोक सभा चुनाव लड़ेंगे। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस दक्षिण भारत में अपना माहौल बनाने के लिए राहुल को वहां से चुनाव में उतार रही है। अमेठी में कांग्रेस का दबदबा रहा है वैसे ही वायनाड भी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। वैसे राहुल के दक्षिण के किसी राज्य से लड़ने की मांग उन राज्यों के कांग्रेस नेता कर रहे थे।
राहुल के दो जगह से चुनाव लड़ने का ऐलान पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में किया। इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद थे। सुरजेवाला ने कहा कि वायनाड तीन राज्यों की सीमा पर स्थित लोक सभा क्षेत्र है। ”इस लिहाज से हम एक सन्देश देना चाहते हैं कांग्रेस देश के हर हिस्से की संस्कृति का सम्मान करती है।”
गौरतलब है कि २०१४ में मोदी की जबरदस्त लहार के बावजूद राहुल गांधी ने अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। हालांकि, उस चुनाव में राहुल की जीत का अन्तर २००९ के मुकाबले करीब पौने दो लाख वोट कम था। ईरानी ने कुछ रोज पहले कहा था कि राहुल को अमेठी में अपनी जीत का भरोसा नहीं इसलिए वे दूसरी सीट से भी लड़ना चाहते हैं।
वैसे जानकारों के मुताबिक इस बार के जो भी सर्वे आये हैं उनमें दक्षिण भारत में कांग्रेस की स्थिति को बहुत बेहतर बताया जा रहा है और खुद राहुल गांधी की लोकप्रियता कुछ राज्यों में तो पीएम मोदी से भी ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस वहां राहुल गांधी को उतार कर इस माहौल को चुनाव में और मजबूत करना चाहती है। कहा जाता है कि खुद कांग्रेस के अपने सर्वे में जाहिर हुआ है कि दक्षिण भारत में कांग्रेस इस बार सबको चौंका सकती है।
फिलहाल राहुल के दो लोक सभा क्षेत्रों से लड़ने का ऐलान हो गया है और दूसरी सीट के रूप में उन्होंने तीन राज्यों के केंद्र वायनाड को चुना है। केरल में वैसे इस समय वामपन्धी सरकार है हालाँकि कांग्रेस वहां बहुत मजबूत रही है। भाजपा ने भी केरल में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है लेकिन अभी उसे उतनी सफलता नहीं मिली है।