पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने अमृतसर ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच या एसआईटी की मांग पर दायर जनहित याचिका (पीआईएल) को राजनीतिक हित याचिका बताते हुए सोमवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि नवजोत कौर सिद्धू कैसे इस मामले की जिम्मेवार हैं।
गौरतलब है कि दशहरे के मौके पर अमृतसर के जोड़ा फाटक के नजदीक रावण दहन के समय ट्रेन ने लोगों को कुचल दिया था जिससे ६१ लोगों की जान चली गई थी। मामले की सीबीआई जांच के लिए कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी।
सोमवार को हाईकोर्ट ने इस पीआईएल को खारिज करते हुए कहा, ‘यह जनहित याचिका कम, राजनीतिक हित वाली याचिका ज्यादा लग रही है क्योंकि कार्यक्रम में चीफ गेस्ट और सरकार इसके लिए कैसे दोषी हो सकते हैं जब लोग खुद रेलवे ट्रैक पर खड़े थे जो कि गलत था।’ अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि पीआईएल राजनीतिक हित वाली याचिका की तरह है लेकिन सरकार या चीफ गेस्ट कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं जब लोग खुद ट्रैक पर खड़े हुए थे।
हाई कोर्ट ने कार्यक्रम की चीफ गेस्ट नवजोत कौर सिद्धू को भी इस मामले का जिम्मेवार मैंने से इंकार कर दिया। कोर्ट के इस इस फैसले से नवजोत को ‘क्लीन चिट’ मिल गयी है क्योंकि विरोधी अकाली दल ने उन्हें ही इस मामले का ”जिम्मेवार” बता दिया था। गौरतलब है कि रावण दहन कार्यक्रम में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि थीं।