पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह कांग्रेस विधायक दल की 5 बजे बुलाई गयी बैठक से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद अमरिंदर ने जो कहा है उससे लगता है वे नाराज हैं। उन्होंने कहा है कि वे समर्थकों के साथ अगले कदम का फैसला करेंगे। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक उनके साथ 4 मंत्री और 7 विधायक ही हैं।
यह पूछने पर कि कांग्रेस अगला मुख्यमंत्री किसे बनाएगी, उन्होंने कहा – ‘औ जिस मर्जी नूं बणाण (वो मर्जी को बनाएं)।’ पत्रकारों से बातचीत में उनके चेहरे से गुस्सा साफ़ झलक रहा था। हालांकि, इतने कम विधायकों के साथ अमरिंदर क्या कर पाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। अमरिंदर ने कहा कि वे 4.30 बजे तक कांग्रेस के सीएम थे और अब कांग्रेस में सदस्य हैं। भविष्य का फैसला समर्थकों से बातचीत के बाद करेंगे।
कैप्टेन सिसवां स्थित अपने फ़ार्म हाउस में कुछ मंत्रियों और विधायकों के साथ हैं और संभावना है कि वे कुछ देर बाद वहां से निकलकर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलकर अपना इस्तीफा दे सकते हैं। कांग्रेस विधायक दल एक बैठक कर अपना नया नेता चुन सकता है या एक लाइन का प्रस्ताव पास करके इसका फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ सकता है। वैसे मुख्यमंत्री के रूप में जो नाम चर्चा में चल रहे उनमें सुनील झाखड़, अम्बिका सोनी, नवजोत सिंह सिद्धू आदि के नाम चर्चा में हैं।
‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक कैप्टेन आलाकमान के फैसले के बाद बहुत मजबूत नहीं रह गए हैं क्योंकि बहुमत में कांग्रेस के विधायक उनको बदलने के पक्ष में हैं। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अमरिंदर सिंह को कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा ओहदा दे सकती है। मीडिया में कैप्टेन के ‘विद्रोह’ की ख़बरें ज़रूर आई हैं, लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा। कैप्टेन को हमेशा से सोनिया गांधी का करीबी माना जाता रहा है।
पंजाब में विधानसभा की कुल 117 सीटें हैं, जिसमें पिछले विधानसभा चुनाव में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने 77 जीती थीं जबकि उसके बाद कुछ विधायक और उससे जुड़ गए थे। कहा जाता है कि आलाकमान ने कैप्टन को कहा है कि वह पद छोड़ दें। अमरिंदर के इस्तीफे के बाद पंजाब का नया सीएम बनाए जाने को लेकर तीन नामों पर चर्चा तेज हो गई है और इनमें सुनील जाखड़ का नाम सबसे मजबूत बताया जा रहा है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को सूबे के नए सीएम के तौर पर सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि जाखड़ ने शनिवार दोपहर बाद एक ट्वीट में कहा – ‘वाह राहुल गांधी, आपने बेहद उलझी हुई गुत्थी के पंजाबी संस्करण के समाधान का रास्ता निकाला है। आश्चर्यजनक ढंग से नेतृत्व के इस साहसिक फैसले ने न सिर्फ पंजाब कांग्रेस के झंझट को खत्म किया है, बल्कि इसने कार्यकर्ताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है और अकालियों की बुनियाद हिला दी है।’
सिद्धू के करीबी विधायक और महासचिव परगट सिंह ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटने के लिए कहा गया है। सीएलपी की बैठक बुलाई गई है। बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होगी।
अमरिंदर सिंह के हटने से सिद्धू खेमा खुश होगा और कांग्रेस सिद्धू की एहमियत को समझती है। अकाली दल के सख्त विरोधी सिद्धू कांग्रेस के लिए पंजाब में बहुत उपयोगी हैं। सिद्धू पंजाब का सीएम बनना चाहते हैं और अगले चुनाव में उनके लिए यह अवसर होगा भले अभी किसी और को सीएम बना दिया जाए।