अपने किरदार को शिद्दत से जीने के लिए जाने जाने वाले मशहूर अभिनेता और नाटककार गिरीश कर्नाड का निधन हो गया है। वे ८१ साल के थे। पीएम मोदी, मशहूर फ़िल्मी हस्तियों सहित कई लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है।
कर्नाड ने अपना फ़िल्मी सफर १९७० में कन्नड़ फ़िल्म ”संस्कार” से शुरू किया और फिर कई नाटकों, फिल्मों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का लोहा मनवाया। वे कितने परिपक्व कलाकार थे, यह इस बात से साबित हो जाता है कि उनकी पहली फ़िल्म को ही कन्नड़ सिनेमा के लिए राष्ट्रपति का ”गोल्डन लोटस” पुरस्कार हासिल हुआ था।
आरके नारायण की किताब पर आधारित टीवी सीरियल ”मालगुड़ी डेज़” में उन्होंने स्वामी के पिता की भूमिका निभाई। साल १९९० की शुरुआत में विज्ञान पर आधारित एक टीवी कार्यक्रम ”टर्निंग पॉइंट” में उन्होंने होस्ट की भी भूमिका निभाई।
कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा पर भी कर्नाड की जबरदस्त पकड़ थी। कर्नाड ने सलमान खान की फिल्म ”एक था टाइगर” और ”टाइगर जिंदा है” में भी काम किया था।
कर्नाड का जन्म १९ मई, १९३८ को महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था। उन्हें भारत के जाने-माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फिल्म निर्देशक और नाटककार के तौर पर जाना जाता था। कर्नाड के निधन से बॉलीवुड में शोक का माहौल है।
उनकी आखिरी फिल्म कन्नड़ भाषा में बनी ”अपना देश” थी जबकि बॉलीवुड की उनकी आखिरी फ़िल्म टाइगर ज़िंदा है थी जिसमें कर्नाड ने डॉ. शेनॉय का किरदार निभाया था।
कर्नाड की मशहूर कन्नड़ फ़िल्मों में से तब्बालियू मगाने, ओंदानोंदु कलादाली, चेलुवी, कादु और कन्नुड़ु हेगादिती रही हैं जबकि हिंदी में उन्होंने निशांत (१९७५), मंथन (१९७६) और पुकार (२०००) जैसी फ़िल्में कीं। नागेश कुकुनूर की फ़िल्मों इक़बाल (२००५), डोर (२००६), तस्वीर (२००९) और आशाएं (२०१०) में भी उन्होंने काम किया।
एक कोंकणी भाषी परिवार में जन्में कर्नाड ने १९५८ में धारवाड़ स्थित कर्नाटक विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि ली। बाद में वे एक रोड्स स्कॉलर के रूप में इंग्लैंड चले गए जहां उन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिंकॉन और मॅगडेलन महाविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी। वे शिकागो विश्वविद्यालय के फुलब्राइट महाविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफेसर भी रह चुके हैं।
कर्नाड की प्रसिद्धि एक नाटककार के रूप में ज्यादा रही। कर्नाड ने वंशवृक्ष नामक कन्नड़ फिल्म से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद इन्होंने कई कन्नड़ और हिन्दी फिल्मों का निर्देशन और अभिनय किया। पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है।