फजीहत के दौर से गुजर रही देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई को सोमवार को अपने ही मुख्यालय के एक हिस्से में छापा मारना पड़ा। एजेंसी के दो सबसे बड़े अधिकारियों के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग और एक-दूसरे पर आरोपों के बीच विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वत आरोपों के मामले में सीबीआई ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार को सोमवार गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक सीबीआई के अफसरों में छिड़ी जंग से मोदी सरकार की लगातार हो रही फजीहत से पीएमओ बहुत ज्यादा खफा है। निदेशक आलोक वर्मा ने सोमवार को पीएम मोदी से मुलाकात की जबकि कहा जा रहा है कि अस्थाना को भी पीएमओ तलब किया गया है हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
सोमवार को सीबीआई के इतिहास में एक और बदनुमा दाग लग गया जब उसे अपने ही मुख्यालय में छापेमारी करनी पड़ी। सीबीआई ने अपने मुख्यालय में आरोपी अफसर डीएसपी देवेंद्र कुमार का दफ्तर खंगाला जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
मांस के कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले में देवेंदर जांच अधिकारी थे। उन्हें सतीश सना का बयान दर्ज करने में कथित फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि सना ने मामले में राहत पाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। आरोप है कि सना का बयान कथित तौर पर २६ सितंबर, २०१८ को अस्थाना के नेतृत्व वाली जांच टीम ने दर्ज किया था लेकिन सीबीआई जांच में यह बात सामने आयी कि वह उस दिन हैदराबाद में थे।
अस्थाना ने रविवार को ही अपन खिलाफ मामला दर्ज होने का विरोध किया है और इसे लकर बकट्यादा सरकार को चिठी लिखी है। उलटे उन्होंने निदेशक वर्मा पर रिश्वत का आरोप लगाया है। इस तरह दो बड़े सीबीआई अधिकारीयों की लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर पहुँच गयी है। इसका भले जो नतीजा निकले, मोदी सरकार की किरकिरी ज़रूर हो गयी है।