पूरे चुनाव प्रचार में भले पीएम मोदी और भाजपा नेता ”चौकीदार” की भूमिका में थे, मतदान के बाद और नतीजों से पहले विपक्ष ”चौकीदार” की भूमिका में दिख रहा है।
नतीजों से ठीक पहले विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। यहाँ तक कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक ने चुनाव आयोग से ईवीएम की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों पर कहा है।
विपक्ष यूपी के गाजीपुर और चंदौली जैसे मामलों को आधार बनाकर चुनाव आयोग पर निशाना साध रहा है। हालांकि, आयोग ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि सभी ईवीएम कड़ी सुरक्षा में हैं।
विपक्ष के राजनीतिक दलों ने ईवीएम वाले स्ट्रॉन्ग रूम पर पूरी मुस्तैदी के साथ अपने लोगों को पहरेदारी पर लगा रखा है। पार्टियां कई एहतियात बरत रही हैं और मतगणना के लिए निर्देश भी जारी किए हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि लोकसभा चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही सभी ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है, जो पूरी तरह से लॉक और सीसीटीवी की निगरानी में है।
आयोग की मुताबिक स्ट्रांग रूम की सुरक्षा सीआरपीएफ कर रही है। उसके भीतर जाने की किसी को इजाजत नहीं है। वैसे स्ट्रॉन्ग रूम के सामने परिसर में हर प्रत्याशी को अपने एजेंट को निगरानी करने की इजाजत दी गई है। आयोग ने हर एक स्ट्रॉन्ग रूम पर एक पार्टी को तीन एजेंट रखने की अनुमति दी है। ये एजेंट एक साथ भी रह सकते हैं और चाहें तो बारी-बारी से भी निगरानी कर सकते हैं।
अब विपक्ष बना ‘चौकीदार’
ईवीएम ठिकानों पर रात-दिन कर रहे पहरेदारी