पहले से संकट में झूल रही भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक और बुरी खबर आई है। अब दुनिया भर में जानी मानी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 11.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई है। हाल में भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय ने बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर में 23.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
कोरोना से पहले से ही आर्थिक विशेषज्ञ भारत में अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर सवाल उठा रहे थे। कोरोना में लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवथा की हालत और भी बदहाल हो गयी है। यही कारण है लॉक डाउन लगाने के तरीके को लेकर मोदी सरकार पर ढेरों सवाल उठे हैं। कहा गया है कि इसे बिना किसी तैयारी के लागू कर दिया गया।
अब अमेरिका की एजेंसी मूडीज के आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। मूडीज ने शुक्रवार कहा कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी की गिरावट आएगी।
यहाँ यह भी दिलचस्प है कि पहले रेटिंग एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सिर्फ चार फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था। मूडीज ने कहा कि भारत का साख परिवेश निचली वृद्धि, ज्यादा कर्ज और कमजोर वित्तीय व्यवस्था (फाइनेंशियल सिस्टम) के कारण प्रभावित हो रहा है।
मूडीज के मुताबिक भारत में कोविड-19 महामारी के कारण ये जोखिम ज्यादा बढ़े हैं। मूडीज ने कहा – ‘अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में ज्यादा दबाव से देश की वित्तीय मजबूती में और गिरावट आ सकती है। इससे साख पर दबाव और बढ़ सकता है’।
इससे पहले ग्लोबल रेटिंग और रिसर्च एजेंसी गोल्डमैन सैश भारतीय अर्थव्यवस्था में माली साल 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 14.8 फीसदी की बड़ी गिरावट का अनुमान जता चुकी है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच भी चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान बता चुका है। इनके अलावा घरेलू रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: 9 प्रतिशत और 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।
इंडिया रेटिंग्स अपने पहले के 5.3 फीसदी नुक्सान के अपने अनुमान को बदलकर हालात ज्यादा ख़राब बताते हुए अर्थव्यवस्था के 11.8 फीसदी तक नीचे जाने के अनुमान की बात कह चुकी है। एसएचबीसी और मॉर्गन स्टैनले के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 से 7.2 फीसदी के बीच नुकसान हो सकता है।