देश में कोरोना का कहर लगातार हाहाकार मचाये हुये है। वहीं अब ब्लैक फंगस (म्यूकरमीइकोसिस) ने देश के शहर ही नहीं बल्कि गांव-गांव में एक डरावना सा माहौल बनने लगा है। लोगों में अब कोरोना के साथ –साथ ब्लैक फंगस को लेकर बैचेनी देखी जा रही है। डाँक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस से सबसे ज्यादा खतरा मधुमेह रोगियों को है।जिससे शरीर का हर अंग डैमेज होता है।
ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले दिल्ली , उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आ रहे है। इन रोगियों के लिये अब अलग से जांच पड़ताल के साथ –साथ अलग से बार्ड बनाये जाने पर विचार किया जा रहा है। डी एम ए के पूर्व अध्यक्ष डाँ अनिल बंसल का कहना है कि ब्लैक फंगस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण आंख और नाक के बाहरी भाग में सूजन होता है।जो धीरे-धीरे बढ़कर यह संक्रमण दिमाग तक पहुंचता है और जानलेवा हो जाता है।
आयुर्वेदाचार्य डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है कि कोरोना का कहर लोगों के जीवन को तहस –नहस कर रहा है। कोरोना में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर और मास्क लगाकर जिस तरीके से बचाव किया जाता है। उसी तरह ब्लैक फंगस से बचने के लिये लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें। ताकि संक्रमण ना हो सकें। क्योंकि कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस (संक्रमण) में जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है। इसलिये जरा सी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर या नाक और आंख में सूजन हो तो नजर अंदाज ना करें।