अब उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक पुलिस उन वाहनों के भी बंपर तरीके से चालान काटेगी, जिन वाहनों में बंफर लगे होंगे। जी हाँ, यह हिदायत अपने वाहनों में क्रैश गार्ड अथवा बुल बार अथवा बंफर लगवाकर चलने वालों के लिए है। क्योंकि अब ऐसा करने पर एक-दो हज़ार नहीं, बल्कि पूरे 5,000 रुपये तक का चालान कट सकता है। उत्तर परिवहन सूत्रों की मानें तो यह नियम 01 फरवरी, 2021 से लागू हो गया है। नये फरमान में कहा गया है कि अगर 31 जनवरी के बाद वाहनों में बंफर अथवा क्रैश गार्ड अथवा बुल बार लगे मिले, तो आपको 5,000 रुपये का ज़ुर्माना देना होगा। इस बारे में परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने एक बयान जारी करके नया आदेश जारी किया है। यह आदेश प्रदेश के सभी सहायक और संभागीय परिवहन अधिकारियों को जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि लोग 31 जनवरी, 2021 तक हर हाल में वाहनों के आगे लगे बंफर हटवा लें अन्यथा गाड़ी मालिकों को काफी दिक्कत होगी; क्योंकि इसके बाद अगर वाहनों में बंफर लगे मिले, तो सख्त कार्रवाई करते हुए भारी ज़ुर्माना वसूला जाएगा। परिवहन आयुक्त ने मोटरयान अधिनियम की धारा-52 का हवाला देते हुए विभागीय आदेश में कहा है कि वाहनों में बंफर लगाना अपराध की श्रेणी में आता है, क्योंकि इससे दुर्घटना के वक्त जान-माल का गम्भीर नुकसान होता है। इसलिए वाहनों में बंफर लगवाना पूरी तरह परिवहन नियमों के खिलाफ है।
युवाओं में शौक बन चुका है बंफर लगवाना
पूरे उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ साल से युवाओं में बंफर लगावाने का शौक पनप चुका है। अधिकतर युवा अपने वाहनों, खासकर बड़े वाहनों में बाद में भारी से भारी बंफर लगवाने के शौकीन हो चुके हैं। कुछ युवा अपने को ताकतवर और रॉयल दिखाने के लिए वाहनों में बंफर लगवाते हैं। जितना भारी दिखने का शौक, जितना भारी बंफर। लेकिन यह शौक केवल युवाओं में ही नहीं है, दिन-रात सड़कों पर चलने वाले वाहनों, खासकर जीप, थ्री-व्हीलर, और दूसरे यात्री वाहनों में बंफर आमतौर पर दिख जाते हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर, कानपुर, बाराबंकी, सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत, मुरादाबाद, रामपुर, बदायँूं जैसे लगभग सभी छोटे-बड़े शहरों में बंफर लगे वाहन आमतौर पर देखने को मिल जाते हैं। ये बंफर सवारी और माल ढोने वाले वाहनों में तो जैसे आम हो चले हैं। आमतौर पर बंफर और क्रैश गार्ड वाहनों में बाद में वाहनों की सजावट, एसेसीरीज और रिपेरिंग वाली दुकानों पर लगाये जाते हैं।
पहले भी दी जा चुकी है चेतावनी
उत्तर प्रदेश में वाहनों में क्रैश गार्ड और बंफर हटाने को लेकर पहले भी उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग कई बार चेतावनी जारी कर चुका है। विभाग ने पहले इस पर अंकुश लगाने को लेकर ऐसे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई भी की है; लेकिन आज तक इस पर पूरी तरह रोक नहीं लग सकी है। मगर अब माना जा रहा है कि इस बार परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई के मूड में है। क्योंकि इस बार ज़ुर्माने की राशि पहले की अपेक्षा बहुत भारी है और जब ट्रैफिक पुलिस पर भारी ज़ुर्माना वसूलने का दबाव ऊपर से होता है, तो चालान काटने के लिए पुलिस और भी खूब सक्रिय हो जाती है। देखना यह है कि वाहन मालिकों से पहले से ही तरह-तरह से भारी ज़ुर्माना वसूल चुका उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग अब बंफर के नाम पर कितनी बंपर कमायी करता है? क्योंकि पहले भी कई बार जारी हो चुके ऐसे आदेशों से रिकॉर्ड वसूली तो नहीं हुई, जिसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब 10 में से 6-7 वाहनों में बंफर लगे मिल जाते हैं, जो कि परिवहन विभाग की तरफ से ठोस पहल न करने का नतीजा ही लगता है। अगर बंफर, क्रैश गार्ड और बुल बार लगाने वाले बाज़ारों में जाकर देखें, तो यह धन्धा खूब फल-फूल रहा है। इस धन्धे के फलने-फूलने की एक वजह यह भी है कि इस धन्धे में लगे लोगों को किसी तरह का लाइसेंस नहीं लेना पड़ता है।
जातिसूचक शब्द लिखने पर भी कट रहे चालान
पिछले ही साल दिसंबर में वाहनों पर जातिसूचक शब्द लिखने पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये थे। इसे जातिवाद को खत्म करने की बड़ी पहल के रूप में देखा गया। इस मामले में महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आईजीआरएस पर एक शिकायत लिखते हुए वाहनों पर से जातिसूचक शब्दों को हटवाने की अपील की थी। खासतौर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौडऩे वाले वाहनों की नंबर प्लेटों पर जातिसूचक शब्द लिखे होने की शिकायत करते हुए कहा था कि इससे समाज को बड़ा खतरा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर तत्काल प्रभाव से संज्ञान लेते हुए जातिसूचक शब्द लिखे वाहनों के चालान काटने का आदेश उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को दिया और अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) ने नंबर प्लेटों पर जाति लिखाने वाले वाहनों के खिलाफ मुहिम चलाकर वाहन मालिकों से ज़ुर्माना वसूलने के आदेश जारी कर दिये। इस मुहिम के अंतर्गत जातिसूचक शब्द लिखाने वालों के पकड़े जाने पर उनके खिलाफ धारा-177 के तहत कार्रवाई की जा रही है। ऐसे वाहनों पर पहली बार पकड़े जाने पर 500 रुपये और दोबारा पकड़े जाने पर 1,500 रुपये का ज़ुर्माना लगाया जा रहा है। हालाँकि अब भी ऐसे वाहन नज़र आ ही जाते हैं, जिन पर जातिसूचक शब्द लिखे होते हैं; लेकिन फिर भी बहुत-से लोगों ने जाति लिखी नंबर प्लेटों को या तो हटवाकर उनकी जगह दूसरी प्लेट लगवा ली है या फिर जातिसूचक शब्दों को ही हटा लिया है। इस मुहिम के साथ-साथ परिवहन विभाग ने नंबर प्लेट के गलत साइज, प्लेट पर नंबर न होने और नंबरों की आड़ी-तिरछी या छोटी या दिखायी न देने वाली लिखावट को लेकर भी चालान काटने शुरू कर दिये हैं। इस मुहिम से काफी सुधार हो रहा है।
पहले से काटे जा रहे चालानों पर ज़ुर्माने की राशि
बता दें कि उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग पहले से ही कई कमियों को लेकर वाहनों के चालान करवा रहा है। ये चालान वाहनों में पायी जाने वाली हर कमी और ड्राइविंग के गलत तरीकों को लेकर किये जा रहे हैं। सभी तरह के चालानों की ज़ुर्माना राशि भी अलग-अलग है। इनमें ज़्यादातर नियमों में फेरबदल करके पिछले साल ही उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियमावली के तहत ज़ुर्माने की राशि बढ़ाई गयी है। इसके तहत राज्य में दो पहिया और चार पहिया वाहनों को चलाते समय मोबाइल पर बात करने से लेकर हेलमेट के न होने तक पर चालान है। नये आदेश में चालान को दो रूपों में लागू किया गया था, पहली बार में कम ज़ुर्माना और दूसरी बार में अधिक ज़ुर्माना। लेकिन पहली बार में ही काफी मोटा चालान कटने और दोबारा में और भारी-भरकम चालान कटने का प्रावधान है। मसलन वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने पर पहली बार में 1,000 रुपये का चालान और दोबारा या उसके बाद हर बार मोबाइल पर बात करते पाये जाने पर 10,000 रुपये तक का चालान काटे जाने की मुहिम चल रही है।
इसी प्रकार ड्राइविंग लाइसेंस में गलत जानकारी देने पर भी 10 हज़ार रुपये तक का चालान भरना होगा। बिना हेलमेट पहले वाहन चलाने पर 1,000 रुपये का चालान कट रहा है। नो पार्किंग में वाहन खड़ा करने पर पहली बार में 500 रुपये और दूसरी बार में 1,500 रुपये का चालान होगा। एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी रोकने या इनके रास्ते में अड़चन डालने पर 10,000 रुपये का चालान होगा। वहीं बिना लाइसेंस या 14 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा वाहन चलाने पर वाहन मालिक को 5,000 रुपये का चालान भरना होगा। सीट बेल्ट न बाँधने पर 1,000 रुपये का चालान और ट्रैफिक अधिकारी की बात न मानने पर या उसके काम में बाधा डालने पर 2,000 रुपये का चालान भरना होगा। इसी तरह तेज़ गति वाहन चालकों को भी भारी ज़ुर्माना देना होगा, इसमें कार वालों को 2,000 रुपये और कॉमर्शियल वाहन वालों को 4,000 रुपये का चालान भरना होगा। इसी तरह दो पहिया वाहनों पर तीन या इससे अधिक सवारी होने पर 1,000 रुपये का चालान भरने का प्रावधान हो चुका है।
नहीं सुधर रहे लोग
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा भारी ज़ुर्माना वसूले जाने पर भी सुधार हो रहा है, पर उतना नहीं। यहाँ की सड़कों पर बहुत-से लोग नियमों का उल्लंघन करते दिख जाते हैं। क्योंकि परिवहन अधिकारी या ट्रैफिक पुलिस के जवान हर जगह तो खड़े होते नहीं हैं। ऐसे में लोग अपनी मनमानी खूब करते हैं और जहाँ भी कोई अधिकारी या पुलिस वाला नज़र आता है, वहाँ नियमों का पालन कर लेते हैं। इस मामले में ट्रैफिक पुलिस के एक जवान रघुवीर ने बताया कि सभी नियम लोगों की सुरक्षा के लिए ही बनाये जाते हैं, लेकिन लोग समझते नहीं हैं। जब लोग नियमों का पालन नहीं करते, तब सरकार को मजबूरन चालान का डर दिखाना पड़ता है; ताकि उनमें सुधार हो सके और सड़कों पर दुर्घटना न हो।